गुरुवार, दिसंबर 18 2025 | 02:23:40 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / पाकिस्तान को बलूचिस्तान में मिला लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का खनिज भंडार

पाकिस्तान को बलूचिस्तान में मिला लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का खनिज भंडार

Follow us on:

क्वेटा. पाकिस्तान की खस्ता हालत से दुनिया अच्छे से वाकिफ है। वहां पर लोग खाने-खाने को मोहताज हो रखे हैं। शहबाज सरकार भी देश की स्थिती सुधारने के लिए कुछ नहीं कर रही है। लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है, उससे पाकिस्तान के दिन बदल सकते हैं। असल में पाकिस्तान को बलूचिस्तान में सोने-तांबे के विशाल भंडार मिले हैं। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की नेशनल रिसोर्सेज लिमिटेड (NRL) ने बलूचिस्तान के चगाई जिले में विशाल भंडार मिलने की पुष्टि की है। पाक मीडिया के मुताबिक पिछले 18 महीनों में कंपनी ने 500 वर्ग किमी में खोज किया था, जिसमें 16 संभावित माइनिंग साइटों की पहचान की गई। बता दें कि ये क्षेत्र पहले भी रेको डिक और सैनाक जैसी खदानों के लिए प्रसिद्ध रहा है।

$500 बिलियन से $1 ट्रिलियन मापी गई कीमत

बता दें कि रेको डिक खान विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। इस नई खोज के बाद कंपनी का मानना है कि यहां पर 5.9 अरब टन विशाल भंडार मिल है। वहीं इसका अनुमानित कीमत $500 बिलियन से $1 ट्रिलियन का लगाया जा रहा है। इसमें इतना सोना और तांबा भरा है कि पूरे 50 सालों तक इसे निकाला जा सकता है।बलूचिस्तान संसाधनों के मामले में कितना ज्यादा समृद्ध है उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि नेशनल रिसोर्सेज लिमिटेड (NRL) कि रिपोर्ट के मुताबिक हर साल खदानों में से 15,800 टन तांबा, 1.47 टन सोना और 2.76 टन चांदी निकाला जा सकता है। इसके मुल्य की बत करें तो वो 50 से 100 अरब की बीच हो सकती है।

संसाधनों के बाद भी विकास में पिछड़ा बलूचिस्तान

संसाधनों के मामले में बलूचिस्तान कितना ज्यादा समृद्ध है, इस बात का अंदाजा आपको हो गया होगा। लेकिन इसके बाद भी वहां पर आज भी लोग विकास के लिए तरस रहे हैं। खनिजों की भरमार के बावजूद, बलूचिस्तान, पाकिस्तान के सबसे गरीब और अलगाव वाले हिस्सों में गिना जाता है। असल में वहां की शहबाज सरकार ने बलूच राष्ट्रवाद और अलगाववादी आंदोलनों ने लोगों को विकास खनिजों के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा इलाके में स्वास्थ्य, शिक्षा और जल जैसी सुविधाएं न के बराबर हैं।

साभार : इंडिया न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर भारतीय मिशनों के आसपास सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर जताई चिंता

नई दिल्ली. ढाका में भारतीय दूतावास की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत …