बुधवार, दिसंबर 24 2025 | 04:37:38 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / जर्मनी चाहे तो एक महीने में बना सकता है परमाणु बम : राफेल ग्रॉसी

जर्मनी चाहे तो एक महीने में बना सकता है परमाणु बम : राफेल ग्रॉसी

Follow us on:

बर्लिन. ईरान के परमाणु बम बनाने को लेकर मिडिल ईस्ट में खींचतान अभी थमी ही नहीं थी कि अब यूरोप में भी इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. ऐसा IAEA के चीफ राफेल ग्रॉसी के एक बयान से हुआ है. दरअसल ग्रॉसी ने कहा कि अगर जर्मनी चाहे तो एक माह या उससे कुछ ज्यादा समय ही परमाणु बम बना सकता है. बुधवार को प्रकाशित पोलिश आउटलेट रेक्जपोस्पोलिटा के साथ इंटरव्यू में ग्रॉसी ने कहा कि जर्मनी के पास आवश्यक न्यूक्लियर मैटेरियल, जानकारी और टेकनीक है. ग्रॉसी का ये बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने जर्मनी को यूरोप की सबसे बड़ी सैन्य ताकत बनाने का ऐलान किया है. ग्रॉसी के मताबिक जर्मनी परमाणु बम बना सकता है, उसके पास सारे संसाधन हैं, मगर वह परमाणु अप्रसार संधि का हिस्सा है, जिसके प्रति वह अपनी प्रतिबद्धता साबित भी करता रहा है.

जर्मनी को परमाणु हथियारों तक पहुंचना होगा

जर्मन चांसलर फ्रेडमिक मर्ज से पहले बुंडेस्टाग में सीडीयू/एसयू ब्लॉक के प्रमुख जेन्स स्पैन ने वरिष्ठ जर्मन के अधिकारियों से कहा था कि जर्मनी में तैनात अमेरिकी परमाणु हथियान, रूस के कथित खतरे को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसे में जर्मनी को ब्रिटेन या फ्रांस के परमाणु शस्त्रागार तक पहुंच बनानी होगी, या फिर व्यापक यूरोपीय निवारक तंत्र बनाया गया. उन्होंने कहा था कि जर्मनी की अमेरिकी हथियारों पर ज्यादा निर्भरता ठीक नहीं है. उन्होंने एक स्वतंत्र यूरोपीय परमाणु अंब्रेला का विचार हुआ, ये भी कहा कि ये तभी संभव है जब जर्मनी की परमाणु हथियारों तक पहुंच हो.

परमाणु हथियार विनाशकारी होंगे

ग्रॉसी ने कहा कि कोई भी देश है वह सिर्फ परोपकारिता से प्रेरित नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय सरकारों ने तय कर लिया है कि एक ऐसा विश्व बहुत विनाशकारी होगा जहां परमाणु हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाएं. आईएईए प्रमुख ने परमाणु सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय संवाद की जरूरत और परमाणु अप्रसार संधि की प्रतिबद्धता को महत्व देने पर जोर दिया.

ईरान में संवर्धित यूरेनियम कहां, हम नहीं जानते : IAEA

ईरान पर ग्रॉसी ने कहा कि इजराइल के साथ तनाव के बाद ईरान ने IAEA के साथ सहयोग को सस्पेंड कर दिया है और निरीक्षकों को देश से बाहर निकाल दिया है. राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने हमले की निंदा की है और एजेंसी की आलोचना की है, मगर ऐसा नहीं है. ईरान में संवर्धित यूरेनियम कहां हैं, ये असल में हमें नहीं पता.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

चीन ने अपने 3 नए साइलो क्षेत्रों में 100 से अधिक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात कर रखी हैं : अमेरिका

वाशिंगटन. अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की एक रिपोर्ट ने चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य …