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पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटों के अंदर तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं की हुई हत्या

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल में बीते 24 घंटे के भीतर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो नेताओं की हत्या से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है. एक ओर जहां मालदा में शुक्रवार को टीएमसी नेता अबुल कलाम आजाद की बेरहमी से हत्या कर दी गई, वहीं दूसरी ओर दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके में गुरुवार रात तृणमूल नेता रज्जाक खान को सरेराह गोली मार दी गई.

मालदा जिले के इंग्लिश बाजार थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में टीएमसी नेता अबुल कलाम आजाद की शुक्रवार को उनके ही एक राजनीतिक सहयोगी द्वारा हत्या कर दी गई. जानकारी के अनुसार, आजाद एक मित्र के घर जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने गए थे. वहीं पर स्थानीय टीएमसी नेता मैनुल शेख पर आजाद को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटने और धारदार हथियार से काटकर हत्या करने का आरोप है. बताया गया कि हत्या के समय आजाद को घर के अंदर लंबे समय तक प्रताड़ित किया गया. बाद में उनकी लाश बरामद हुई. पुलिस ने मुख्य आरोपी मैनुल शेख को गिरफ्तार कर लिया है.

मालदा में टीएमसी नेता को बेहरमी से काट डाला

मैनुल पूर्व में इंग्लिश बाजार पंचायत समिति के सदस्य रह चुके हैं और एक बार कांग्रेस के टिकट पर ग्राम पंचायत का चुनाव जीत चुके हैं. बाद में वे दोबारा टीएमसी में शामिल हो गए थे. स्थानीय लोगों के अनुसार, मैनुल का इलाके में भू-माफिया के रूप में भी प्रभाव रहा है. मृतक नेता अबुल कलाम आजाद पर भी भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने और जिंदा लोगों को मृत घोषित कर जमीन हड़पने जैसे गंभीर आरोप लगे थे.

सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच नौ बीघा जमीन और बड़ी धनराशि को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जो इस जघन्य हत्या का कारण बना. टीएमसी के मालदा जिला अध्यक्ष अब्दुल रहीम बख्शी ने बयान जारी करते हुए कहा, “इस घटना का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. जो भी इस हिंसा में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

दक्षिण 24 परगना में गोली मारकर की गई हत्या

दूसरी घटना दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ की है, जहां गुरुवार शाम को तृणमूल नेता रज्जाक खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना उस समय हुई जब रज्जाक खान भांगड़ से अपने घर चाल्तबेरिया लौट रहे थे. रास्ते में अज्ञात हमलावरों ने उन्हें बीच सड़क पर घेरकर गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. रज्जाक खान, तृणमूल विधायक शौकत मोल्लाह के करीबी माने जाते थे. विधायक मोल्लाह ने आरोप लगाया है कि रज्जाक को गोली मारने से पहले बेरहमी से पीटा भी गया. उन्होंने इस हमले के पीछे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) का हाथ होने की आशंका जताई है. शौकत मोल्लाह ने बताया कि रज्जाक ने गुरुवार को टीएमसी की दो अहम बैठकों में हिस्सा लिया था और वहीं से लौटते समय यह हमला हुआ.

हिंसा से मचा सियासी बवाल

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है. दोनों हत्याओं से तृणमूल कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और नेतृत्व पर सवाल खड़े हो गए हैं. जहां एक ओर पार्टी नेताओं ने इन घटनाओं को व्यक्तिगत रंजिश बताया है, वहीं विपक्ष ने इसे तृणमूल के अंदरूनी टकराव और कानून-व्यवस्था की विफलता करार दिया है.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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