नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र की गहमागहमी के बीच दिल्ली की ठंडी शाम ने एक अलग ही रंग तब पकड़ा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सांसदों के लिए एक स्पेशल डिनर का आयोजन किया. यह आयोजन केवल औपचारिकता भर नहीं था, बल्कि राजनीतिक संवाद को नए आयाम देने वाला प्रसंग बन गया. रोशनी से सजा पीएम आवास और वहां पहुंचते 400 से अधिक सांसद, माहौल को किसी उत्सव जैसा बना रहे थे. यह आयोजन उस समय हुआ जब सत्र के दौरान सरकार और सहयोगी दलों के बीच रणनीतिक संवाद को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी.
पीएम मोदी ने सभी सांसदों से की मुलाकात
इस डिनर की सबसे शानदार बात रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया पर्सनल टच. वे खुद हर टेबल तक पहुंचे, सांसदों का हाल-चाल पूछा, उनसे गर्मजोशी से बातचीत की और आग्रहपूर्वक भोजन करने के लिए कहा. सांसदों ने इसे एक अनौपचारिक लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण राजनीतिक संवाद का अवसर बताया. पीएम मोदी का यह तरीका इस बात का संकेत था कि सरकार अपनी राजनीतिक एकजुटता को केवल नीतियों से नहीं, बल्कि मानवीय और पारस्परिक संबंधों से भी मजबूत करना चाहती है.
डिनर में हर राज्यों की झलक
डिनर के मेन्यू में भी एकता और विविधता की स्पष्ट झलक दिखी. सूत्रों के मुताबिक हर राज्य से कोई न कोई पारंपरिक व्यंजन शामिल किया गया था. कश्मीर का कहवा, बंगाल के रसगुल्ले, पंजाब की मिस्सी रोटी जैसे व्यंजन न केवल स्वाद का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, बल्कि इस आयोजन को एक सांस्कृतिक संवाद का मंच भी बना रहे थे. सांसदों ने इस विविधता का आनंद लेते हुए कहा कि ऐसा मेन्यू उन्हें अपने-अपने राज्यों की पहचान से जोड़ता है.
नए रिश्ते बनाने वाली बैठने की व्यवस्था
इस कार्यक्रम में बैठने की व्यवस्था को विशेष रूप से इस तरह तैयार किया गया था कि विभिन्न राज्यों के सांसद साथ बैठें और आपस में बेहतर परिचय बना सकें. हर टेबल पर छह से आठ सांसदों के साथ एक मंत्री की मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी. लगभग 55 टेबलों पर करीब 427 सांसदों की बैठने की व्यवस्था की गई. इससे न केवल आपसी संवाद बढ़ा बल्कि क्षेत्रीय अनुभवों और चुनौतियों पर चर्चा का अवसर भी मिला. पीएम मोदी की टेबल पर देवेगौड़ा, श्रीकांत शिंदे, सांभवी, रविशंकर प्रसाद और जगदंबिका पाल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे.
राजनीतिक रिश्तों में नई मजबूती का संकेत
यह डिनर केवल सौहार्द की शाम नहीं थी, बल्कि NDA की राजनीतिक रणनीति और भविष्य की दिशा तय करने की पृष्ठभूमि भी बन सकती है. पीएम मोदी और सांसदों के बीच यह अनौपचारिक संवाद आगामी सत्र में सरकार की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में सहायक माना जा रहा है. कुल मिलाकर यह आयोजन सहयोग, संवाद और संबंधों की नई डोर बुनने वाला साबित हुआ.
साभार : न्यूजनेशन
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