वाशिंगटन. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील हो गई है. जेनेवा में शनिवार से ही दोनों देश बातचीत कर रहे थे. अब दोनों देशों ने टैरिफ में 115% कटौती का ऐलान किया है. व्यापार समझौते के मुताबिक, अमेरिका, चीन से आयातित सामानों पर 30% टैरिफ लगाएगा. वहीं चीन अमेरिकी से आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर 10% टैरिफ लगाएगा. दोनों देशों के बीच टैरिफ में यह कटौती फिलहाल 90 दिनों के लिए हुई है. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने इसकी घोषणा की है.
अमेरिका ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाया था. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 125 फीसदी टैरिफ थोप दिया था. कई दिनों की तनातनी के बाद अब दोनों देश नरम पड़े हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने इसे एक अच्छी डील बताया है. व्हाइट हाउस ने 11 मई को चीन के साथ व्यापार समझौता होने की घोषणा की थी. हालांकि, तब इसकी डिटेल नहीं दी गई थी. अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने कहा, “हम 90 दिनों की विराम अवधि पर सहमत हो गए हैं और टैरिफ स्तरों को काफी हद तक घटा दिया गया है.” उन्होंने चीन के साथ हुई बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति काफी सम्मान दिखाया.
बेसेंट ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन ने भविष्य में किसी भी तरह के तनाव को रोकने के लिए प्रभावी प्रोटोकॉल तैयार कर लिए हैं. बेसेंट ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था अब तक उपभोक्ता-आधारित मॉडल की ओर नहीं बढ़ी है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने 14 मई तक उपायों को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है. मंत्रालय ने आगे कहा कि अमेरिका के खिलाफ 2 अप्रैल से लागू किए गए गैर-टैरिफ प्रतिविरोधी उपायों को रोकने या हटाने का भी इरादा है.
पिछले महीने ट्रंप ने लगाया था 145 फीसदी टैरिफ
पिछले महीने ट्रम्प ने चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगा दिए थे, जिसके बदले चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 125% तक का टैरिफ लगा दिया था. इस टैरिफ वार से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सालाना 600 अरब डॉलर का व्यापार लगभग रुक सा गया.एक हफ्ते पहले ट्रम्प ने इशारा दिया था कि वे चीन पर लगाए गए टैरिफ को कम कर सकते हैं. उन्होंने ये माना कि मौजूदा टैरिफ दरें इतनी ज्यादा हैं कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने एक-दूसरे के साथ व्यापार करना ही बंद कर दिया है.चीन अमेरिकी वस्तुओं का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट, हांगकांग के मुख्य अर्थशास्त्री झिवेई झांग ने कहा कि हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि यह टैरिफ में केवल तीन महीने की अस्थायी कमी है. यह एक लंबी प्रक्रिया की शुरुआत है. दोनों पक्षों को शायद किसी समाधान पर पहुंचने या अंतिम व्यापार समझौते पर पहुंचने में महीनों लग जाएंगे, लेकिन यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है.
साभार : न्यूज18
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