अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफी क्षमता से युक्त भारतीय नौसेना का पहला बड़ा सर्वेक्षण पोत (एसवीएल), आईएनएस संध्यायक, सिंगापुर की अपनी पहली सफल यात्रा पर पहुंच गया है। यह पोत 12 अगस्त 2025 को सिंगापुर के चांगी नौसैनिक अड्डे से रवाना हुआ, जो भारत की एक्ट ईस्ट नीति और महासागर पहल के अनुरूप एक सद्भावना यात्रा का समापन था।
यह यात्रा सिंगापुर के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हुई तथा इससे दोनों देशों के बीच समुद्री क्षेत्र जागरूकता और जल सर्वेक्षण सहयोग में बढ़ती हुई तालमेल को बल मिला।
कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन एन धीरज ने बंदरगाह भ्रमण के दौरान, सिंगापुर के सहायक मुख्य हाइड्रोग्राफर श्री गैरी च्यू और सिंगापुर गणराज्य नौसेना (आरएसएन) के 9वें फ्लोटिला के कमांडर कर्नल चौआह मेंग सून से मुलाकात की। इस बातचीत में हाइड्रोग्राफिक सहयोग बढ़ाने, सर्वोत्तम विधियों को साझा करने और दोनों देशों के समुद्री क्षेत्र सहयोग को गहरा करने की साझा प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया गया। दोनों देशों ने नौवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने, समुद्री बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने में सटीक हाइड्रोग्राफी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।
इस यात्रा का मुख्य आकर्षण सिंगापुर गणराज्य नौसेना (आरएसएन) के कार्मिकों की मेजबानी था, जिन्होंने भारतीय नौसेना की जल सर्वेक्षण क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
इस यात्रा में अत्याधुनिक ऑन-बोर्ड प्रणालियों का अवलोकन किया गया। टीम ने हाइड्रोग्राफ़िक इतिहास, डेटा संग्रहण विधियों और भारत-सिंगापुर समुद्री तालमेल को बढ़ाने में संसाधन और संयुक्त परिचालन भूमिकाओं पर भी जानकारी साझा की।
एक शैक्षिक आउटरीच कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों के समूह का भी स्वागत किया गया। युवा आगंतुकों को जहाज़ के अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफ़िक उपकरणों, सर्वेक्षण नौकाओं और चार्ट निर्माण इकाइयों का गहन भ्रमण कराया गया। जहाज़ के चालक दल ने बताया कि कैसे महासागर मैंपिंग नौवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्री इको-सिस्टम की रक्षा करने में मदद करता है।
भारतीय नौसेना क्षेत्रीय सहयोग, क्षमता निर्माण और समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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