बेंगलुरु. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में 16 ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की। यह छापेमारी महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (KMVSTDCL) से सरकारी धन की हेराफेरी और उसे रिश्तेदारों व करीबियों के खातों में ट्रांसफर करने के मामले में की गई। CBI की यह कार्रवाई कर्नाटक सरकार में पूर्व अनुसूचित जनजाति कल्याण, युवा सशक्तिकरण और खेल मंत्री बी. नागेंद्र के खिलाफ हो रही जांच के तहत की गई। उन पर 84.63 करोड़ रुपये की गबन और अवैध रूप से धन हस्तांतरण का गंभीर आरोप है। यह मामला जून 2024 में सामने आया था, जिसके बाद नागेंद्र को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
CBI ने 3 जून 2024 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जांच एजेंसी के अनुसार, तलाशी के दौरान मंत्री बी. नागेंद्र से जुड़े कई अहम दस्तावेज, संपत्तियों के कागजात, बैंक स्टेटमेंट और वाहन संबंधी जानकारियां बरामद हुईं हैं। आरोप है कि यह संपत्तियां और वाहन अवैध रूप से प्राप्त धन से खरीदे गए। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग और कर्नाटक जर्मन तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (KGTTI) से भी सरकारी धन का अवैध तरीके से ट्रांसफर किया गया। बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 2.17 करोड़ रुपये एक निजी कंपनी के खाते में भेजे गए, जिसे नागेंद्र के करीबी सहयोगी द्वारा संचालित किया जाता है। इस रकम का कुछ हिस्सा मंत्री की बहन, साले और निजी सहायक के खातों में भी स्थानांतरित किया गया।
इसके अलावा, KGTTI के 64 लाख रुपये भी अवैध रूप से एक निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए। गौरतलब है कि इस पूरे मामले की जांच कर्नाटक उच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही है। अब तक इस मामले में चार स्टेटस रिपोर्ट अदालत को सौंपी जा चुकी हैं।
SHABD, September 16, 2025
Matribhumisamachar


