शुक्रवार, दिसंबर 05 2025 | 09:29:52 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / रूसी उप-प्रधानमंत्री अलेक्ज़ेंडर नोवाक का, भारत रूबल और युआन में कर रहा है रूस को कच्चे तेल का भुगतान

रूसी उप-प्रधानमंत्री अलेक्ज़ेंडर नोवाक का, भारत रूबल और युआन में कर रहा है रूस को कच्चे तेल का भुगतान

Follow us on:

मास्को. अमेरिकी राष्ट्रपति रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराना चाहते हैं. वह इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. तभी वह भारत के खिलाफ लगातार कदम उठा रहे हैं और प्रेशर पॉलिटिक्स खेल रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप कभी 50 फीसदी टैरिफलगाते हैं तो कभी यह कहते हैं कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया. वह भारत को झुकाकर किसी तरह रूस को तोड़ना चाहते हैं. वह भारत और रूस की दोस्ती को तोड़ना चाहते हैं. मगर अब ट्रंप का प्लान फेल होकर रहेगा. भारत ने ऐसा खेल खेला है, जिसके चलते अमेरिका के डॉलर की धाक कम हो जाएगी.

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. अब रूस के साथ मजबूत ऊर्जा साझेदारी को नई रणनीति से मजबूत करते हुए भारत ने भी चाल चल दी है. भारत ने डॉलर पर निर्भरता कम करने का ‘गजब दिमाग’ लगाया है. भारत अब रूसी कच्चे तेल का भुगतान न केवल रूबल में बल्कि युआन में भी कर रहा है. जी हां, खुद रूस के उपप्रधानमंत्री अलेक्ज़ेंडर नोवाक ने इसकी पुष्टि की है. उनके बयान से साफ है कि भारत अब रूसी कच्चे तेल के भुगतान का अधिकांश हिस्सा रूबल में कर रहा है, जबकि कुछ हिस्सा चीनी युआन में भी शिफ्ट हो गया है. यह कदम न सिर्फ ट्रंप के टैरिफ हमले का सीधा जवाब है, बल्कि वैश्विक व्यापार में डॉलर की एकाधिकार को चुनौती देने वाली रणनीति का हिस्सा भी.

ट्रंप का टैरिफ और भारत का कदम

ट्रंप ने अगस्त 2025 में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ थोप दिया था. इसका कारण? भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना. वाइट हाउस का तर्क था कि यह तेल खरीद रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए अप्रत्यक्ष फंडिंग दे रही है. ट्रंप ने इसे ‘व्यापार असंतुलन’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा’ बताते हुए भारत को चेतावनी दी थी कि रूसी तेल बंद करो, वरना टैरिफ दोगुना हो जाएगा. भारत ने ट्रंप की धमकी के सामने झुकना स्वीकार नहीं किया है. भारत ने अपने हित को तरजीह दी. यही कारण है कि भारत ने झुकने की बजाय जवाबी रणनीति अपनाई.

रूसी डिप्टी पीएम ने क्या बताया?

रूसी डिप्टी पीएम नोवाक के हवाले से बताया कि भारत ने रूसी तेल के भुगतान को डॉलर से हटाकर रूबल-प्रधान बना दिया है. उन्होंने कहा, ‘भारत अब अधिकांश भुगतान रूबल में कर रहा है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है.’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कुछ भुगतान चीनी मुद्रा युआन में करना शुरू कर दिया है. हालांकि यह प्रतिशत अभी बहुत कम है. रूस भारत का शीर्ष कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है. अब भी रूस से तेल खरीदने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. चीन पहले नंबर पर है.

भारत की चाल से ट्रंप को झटका?

इस तरह ट्रंप के टैरिफ के जवाब में भारत का यह ‘खेल’ डॉलर को दरकिनार करने का मास्टरस्ट्रोक है. रूबल भुगतान से न सिर्फ अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम होता है, बल्कि रूस-भारत व्यापार को मजबूत करता है. युआन का इस्तेमाल चीन के साथ संबंधों को गर्म करने का संकेत है, जो ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को उल्टा रणनीति देता है. एक तरह से देखा जाए तो भारत का यह कदम BRICS देशों की डी-डॉलरीकरण मुहिम का कथित हिस्सा भी है. वैसे भी पीएम मोदी बार-बार कह चुके हैं कि भारत किसी के दबाव में नहीं आएगा और स्वदेशी ही भारत का हथियार है.

साभार : न्यूज18 

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:

https://books.google.co.in/books?id=8-6KEQAAQBAJ

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

डीजीसीए ने क्रू रेस्ट से संबंधित अपना पिछला आदेश वापस ले लिया, हवाई उड़ानों में होगा सुधार

मुंबई. इंडिगो के हालिया संकट ने पूरे भारतीय विमानन सेक्टर को हिला दिया है. भारत …