वाशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बीबीसी के खिलाफ 10 अरब अमेरिकी डॉलर के हर्जाने की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया। उन्होंने ब्रिटिश प्रसारक पर मानहानि करने के साथ-साथ भ्रामक और अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप लगाया है।
बीबीसी पर 33 पन्नों के इस मुकदमे में राष्ट्रपति ट्रंप की ‘झूठी, मानहानिकारक, भ्रामक, अपमानजनक, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण तस्वीर’ प्रसारित करने का आरोप लगाया गया है। इसमें इसे 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने और उसे प्रभावित करने की खुली कोशिश बताया गया है।
ट्रंप का कहना है कि बीबीसी ने छह जनवरी 2021 को दिए गए उनके भाषण के दो पूरी तरह से अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर प्रसारित किया, ताकि उनकी कही बातों का अर्थ जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया जा सके।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले भी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। जिसके बाद पिछले महीने बीबीसी ने छह जनवरी के भाषण से छेड़छाड़ (एडिटिंग) को लेकर ट्रंप से माफी मांगी थी। हालांकि, सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित इस प्रसारक ने मानहानि के आरोपों को खारिज कर दिया था। बीबीसी के अध्यक्ष समीर शाह ने इसे ‘निर्णय लेने में गलती’ बताया था, जिसके बाद बीबीसी के शीर्ष कार्यकारी अधिकारी और समाचार प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया था।
ट्रंप ने यह भाषण उस समय दिया था, जब उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर धावा बोला था। उस समय कांग्रेस 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को आधिकारिक रूप से मंजूरी देने वाली थी, जिसमें जो बाइडन को विजेता घोषित किया जाना था, लेकिन ट्रंप ने उस चुनाव को गलत और चोरी हुआ बताया था।
बीबीसी ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से कुछ दिन पहले ‘ट्रंप: ए सेकेंड चांस?’ शीर्षक से एक घंटे की डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी। इसमें 2021 के भाषण के दो अलग-अलग हिस्सों से लिए गए तीन बयानों को जोड़कर एक ही बयान की तरह दिखाया गया, जबकि ये बयान लगभग एक घंटे के अंतर से बोले गए थे। इसमें ऐसा प्रतीत हुआ कि ट्रंप ने समर्थकों से उनके साथ मार्च करने और ‘जी जान से’ लड़ने का आह्वान किया था। इस एडिटिंग में वह हिस्सा हटा दिया गया था, जिसमें ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की बात कही थी। ट्रंप ने सोमवार को पहले कहा था कि वह बीबीसी पर उनके मुंह में अपने शब्द डालने के लिए मुकदमा कर रहे हैं।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बिना किसी सवाल का बयान दिया। उन्होंने कहा, उन्होंने छह जनवरी को लेकर मेरे मुंह में शब्द डाल दिए, जो मैंने कहे ही नहीं। और जो अच्छे शब्द मैंने कहे थे, वे नहीं दिखाए। मैंने देशभक्ति और अच्छी बात की थी। उन्होंने वह नहीं दिखाया, बल्कि गलत शब्द जोड़ दिए। राष्ट्रपति ने यह मुकदमा फ्लोरिडा में दायर किया गया है। ब्रिटेन की अदालतों में मामला दायर करने की समयसीमा एक साल से ज्यादा पहले खत्म हो चुकी थी। कानूनी विशेषज्ञों ने अमेरिका में इस मामले को लेकर संभावित चुनौतियों की ओर भी इशारा किया है, क्योंकि यह डॉक्यूमेंट्री वहां प्रसारित नहीं की गई थी।
साभार : अमर उजाला
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