सोमवार, मार्च 31 2025 | 02:07:53 PM
Breaking News
Home / राज्य / दक्षिण-भारत / मस्जिद के जुलूस में लहराए गए हमास और हिजबुल्लाह आतंकवादियों के पोस्टर

मस्जिद के जुलूस में लहराए गए हमास और हिजबुल्लाह आतंकवादियों के पोस्टर

Follow us on:

तिरुवनंतपुरम. केरल के पलक्कड़ जिले में हमास और हिजबुल्ला के टॉप लीटर की तस्वीरें लहराए जाने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है. एक मस्जिद के वार्षिक उत्सव के जुलूस में ये सब हुआ. हमास के नेता याह्या सिनवार और इस्माइल हानिया की तस्वीरें बैनरों पर देखी गईं, जिन पर ‘थरवाडी, थेक्केभागम’ (जिसका अनुवाद ‘पूर्वज, दक्षिणी भाग’) लिखा हुआ था. ये बैनर हाथियों पर सवार एक समूह द्वारा लहराए गए. जैसे ही यह मामला सामने आया, बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताई है और कहा है कि वामपंथी सरकार के तहत कट्टरपंथी तत्व बढ़ रहे हैं.

16 फरवरी की शाम को पलक्कड़ के त्रिथाला में स्थित की एक मस्जिद के वार्षिक “उरूस” के हिस्से के रूप में इस जुलूस में 3,000 से अधिक लोग शामिल हुए. हालांकि, इन विवादास्पद बैनरों का प्रदर्शन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चर्चा का कारण बना. फेस्ट के आयोजकों के अनुसार, यह कार्यक्रम क्षेत्र के लोगों द्वारा आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि ये तस्वीरें त्रिथाला के एक क्षेत्र की हैं, जहां कई समूह अलग-अलग प्रदर्शन कर रहे थे.

छोटे बच्चों को सिनवार और हानिया के पोस्टर पकड़े देखा गया, और भीड़ ने पूरे जुलूस के दौरान उनका उत्साह बढ़ाया. यह घटना जल्दी ही विवाद का विषय बन गई, और कई लोगों ने त्योहार के आयोजकों से ऐसे प्रदर्शन की अनुमति देने पर सवाल उठाए. इस कार्यक्रम में मंत्री एमबी राजेश और कांग्रेस नेता वीटी बालराम जैसी प्रमुख हस्तियों की भागीदारी ने भी लोगों का ध्यान खींचा, हालांकि उरूस महोत्सव के आयोजकों की ओर से बैनरों को लेकर कहा गया कि यह उनकी तरफ से नहीं किया गया है, बल्कि जुलूस में कई समूह शामिल थे और उन्हीं में से किसी ने ये किया है.

यह घटना राज्य में हाल ही में हुई प्रो-फिलिस्तीन रैलियों की एक सीरीज के बाद हुई है. 2024 में, केरल युनिवर्सिटी के वार्षिक युवा महोत्सव का शीर्षक ‘इंतिफादा’ एक बड़े विवाद का कारण बना, क्योंकि यह शब्द फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष और हमास द्वारा इसके इस्तेमाल से जुड़ा था. विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनन कुन्नुम्मल ने निर्देश दिया कि इस शब्द को महोत्सव के सभी प्रचार सामग्री, पोस्टर और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से हटा दिया जाए. इसके परिणामस्वरूप, इस कार्यक्रम का नाम बदलकर ‘केरल विश्वविद्यालय युवा महोत्सव’ कर दिया गया. अक्टूबर 2023 में, हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मशाल ने मलप्पुरम में जमात-ए-इस्लामी युवा विंग, सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित किया. इस संगठन ने ‘हिंदुत्व और रंगभेदी ज़ायोनिज़्म को उखाड़ फेंको’ नामक एक अभियान शुरू किया था.

बीजेपी ने इन कार्यक्रमों में हमास नेताओं की भागीदारी की कड़ी निंदा की. बीजेपी राज्य अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने इस भागीदारी को ‘चरमपंथी’ करार देते हुए मामले की जांच की मांग की. उन्होंने कहा, “धर्मनिरपेक्ष केरल में हालात ऐसे हो गए हैं. हमास के चरमपंथी केरल में कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं.” उन्होंने यह भी बताया कि मशाल का संबोधन केवल वर्चुअल था क्योंकि उन्हें वीजा नहीं मिला था.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

कन्नड़ समर्थक संगठनों के बंद का कर्नाटक में दिखा मिला-जुला असर

बेंगलुरु. कर्नाटक में शनिवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद …

News Hub