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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान को दी गई आर्थिक सहायता पर करे पुनर्विचार : राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए भुज वायु सेना स्टेशन पहुंचे. वायु सेना का यह अड्डा उन सैन्य बुनियादी ढांचे में से एक है जिसे पाकिस्तान ने चार दिनों तक जारी सैन्य संघर्ष के दौरान निशाना बनाया था. राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि भारत चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे. इससे एक दिन पहले भारत ने आईएमएफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. साथ ही कहा कि इस्लामाबाद इस सहायता का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर सकता है. राजनाथ सिंह ने सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत नहीं चाहता कि वह जो धन आईएमएफ को देता है उसका इस्तेमाल किसी भी रूप से पाकिस्तान या अन्य देश में आतंकवादी बुनियादी ढांचा तैयार करने में किया जाए.

क्या इसे IMF द्वारा वित्त पोषण नहीं माना जाएगा?

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है. भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता देने से परहेज करे.’ उन्होंने पूछा कि क्या इसे IMF, एक अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा अप्रत्यक्ष वित्त पोषण नहीं माना जाएगा? उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान अपने नागरिकों से वसूले गए कर से जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को करीब 14 करोड़ रुपए देगा, जबकि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है. पाकिस्तान सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय सहायता की भी घोषणा की है. निश्चित रूप से आईएमएफ की सहायता का एक बड़ा हिस्सा इसमें इस्तेमाल किया जाएगा.

हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी- रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत पहलगाम में मारे गए निर्दोष लोगों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर की. उन्होंने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि भुज 1965, 1971 और अब पाकिस्तान पर भारत की जीत का गवाह रहा है. उन्होंने भुज को देशभक्ति की भूमि बताया, जहां सैनिक राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अडिग संकल्प के साथ खड़े रहते हैं. उन्होंने वायु सेना और बीएसएफ के अन्य बहादुर सैनिकों और वायु सेना के जवानों के प्रति उनकी मातृभूमि की सेवा के लिए आभार व्यक्त किया. साथ ही स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी तस्वीर दिखाएंगे.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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