इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अफगान बॉर्डर के नजदीक स्थित नॉर्थ वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में शुक्रवार को आत्मघाती हमला हुआ है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस हमले में 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि 13 लोग घायल हुए। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि उनका कोई सैनिक नहीं मारा गया। हमले के लिए जिम्मेदार 4 उग्रवादी मारे गए हैं। एक उग्रवादी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को आर्मी कैंप की दीवार से टकरा दिया। इसके बाद तीन उग्रवादी कैंप के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे, जो जवाबी कार्रवाई में मारे गए।
पाकिस्तान तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने मीर अली में सुरक्षा बलों पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है।TTP ने कहा कि उनके खालिद बिन वलीद आत्मघाती दस्ते और तहरीक तालिबान गुलबहार ने इस हमले को अंजाम दिया। लोकल मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने सुरक्षा के मद्देनजर हमलावर हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। हाल के महीनों में यह उत्तर वजीरिस्तान के सबसे बड़े हमलों में से एक माना जा रहा है।
पाक गृह मंत्री बोले- पूरी कौम को अपने सैनिकों पर गर्व
पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने उग्रवादियों से निपटने के लिए सुरक्षाबलों की तारीफ की है। उन्होंने कहा- हमारे बहादुर जवानों को सलाम, जिन्होंने ख्वारिज (आतंकियों) की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया। पूरी कौम को अपने वीर सैनिकों पर गर्व है। पिछले कुछ हफ्तों में उत्तरी वजीरिस्तान और अन्य क्षेत्रों में उग्रवादियों के हमले बढ़े हैं। इसके चलते सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में मौजूद कुछ आतंकी समूह इन हमलों में शामिल हैं, जबकि अफगान सरकार इन आरोपों से इनकार करती रही है। इन हमलों के पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को जिम्मेदार बताया जाता रहा है।
पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बना TTP
2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से TTP ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ रखा है। TTP को पिछले बारह साल में पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा माना जा रहा है।पाकिस्तान का आरोप है कि TTP के लड़ाके सीमा पार अफगानिस्तान से ट्रेनिंग लेकर पाकिस्तान लौटते और हमला करते हैं।
हालांकि तालिबान दावा करता है कि वह TTP का समर्थन नहीं करता।पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज के अनुसार, देश में आतंकवादी हमले 2015 के बाद सबसे ज्यादा हो गए हैं, और TTP इसकी मुख्य वजह है। वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के इन हमलों की वजह से ही पाकिस्तान आतंकवाद प्रभावित देशों की सूची में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है।
अमेरिकी हमले के जवाब में TTP का गठन
2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले का समर्थन किया। इससे नाराज होकर 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया। TTP ने कबायली इलाकों में शरिया कानून लागू किया और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों पर हमले किए। TTP ने यूनिवर्सिटीज, धार्मिक नेताओं और नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया, और यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े शहरों में भी हमले किए।
पाकिस्तानी सेना और अमेरिकी ड्रोन हमलों के बावजूद, पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका। 2018 में पाकिस्तान ने TTP पर जीत की घोषणा की थी, लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ।
साभार : दैनिक भास्कर
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