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भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को बेल्जियम की अदालत ने मंजूरी दी

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नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक अदालत ने शुक्रवार को चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने भारत की ओर से की गई प्रत्यर्पण की मांग को सही ठहराते हुए चोकसी की गिरफ्तारी को वैध करार दिया। यह फैसला भारत के लिए एक अहम कदम है, जो चोकसी को देश में लाकर कानून के सामने पेश करना चाहता है। हालांकि, चोकसी के पास इस फैसले के खिलाफ बेल्जियम की उच्च अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है।

भारत की दलीलें मजबूत, चोकसी को जमानत नहीं

भारतीय अधिकारियों ने बताया कि एंटवर्प कोर्ट ने सितंबर में हुई सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान बेल्जियम के अभियोजकों ने भारतीय विदेश मंत्रालय और CBI के अधिकारियों के साथ मिलकर मजबूत दलीलें पेश कीं। अभियोजकों ने कोर्ट को बताया कि चोकसी ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर PNB में 13000 करोड़ रुपये का घोटाला किया। कोर्ट को यह भी बताया गया कि चोकसी एक भगोड़ा है और उसे रिहा करने से वह फिर से फरार हो सकता है। कोर्ट ने चोकसी के वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया। बेल्जियम की अलग-अलग अदालतों ने चोकसी की जमानत याचिकाओं को भी ठुकरा दिया है।

चोकसी की गिरफ्तारी और भारत की कोशिशें

मेहुल चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को बेल्जियम में भारत के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया था। चोकसी पहले कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा में छिपा हुआ था, जहां की उसने नागरिकता ले ली थी। बेल्जियम में रुकने के बाद CBI, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने तेजी से कार्रवाई की और चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की। भारत ने बेल्जियम को भरोसा दिलाया कि चोकसी को प्रत्यर्पित करने के बाद उसे मुंबई के आर्थर रोड जेल में बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।

जेल की सुविधाएं यूरोपीय मानकों के अनुरूप

भारत ने बेल्जियम को आश्वासन दिया कि चोकसी को जेल में यूरोपीय मानकों के मुताबिक सुविधाएं दी जाएंगी। गृह मंत्रालय ने 4 सितंबर को बेल्जियम को सूचित किया कि बैरक नंबर 12 में प्रत्येक कैदी को यूरोप के कमेटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ टॉर्चर (सीपीटी) के मानकों के अनुसार पर्याप्त जगह दी जाएगी। चोकसी का सेल करीब 20 फीट गुणा 15 फीट का होगा, जिसमें अलग टॉयलेट, वॉशरूम, हवादार खिड़कियां और ग्रिल वाला मुख्य दरवाजा होगा। सेल में साफ-सुथरा गद्दा, तकिया, चादर और कंबल दिया जाएगा।

जेल में कैदियों को ताजा पीने का पानी, रोजाना सफाई, आउटडोर व्यायाम, शतरंज और कैरम जैसे बोर्ड गेम, बैडमिंटन, अखबार, टीवी चैनल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। इसके अलावा, आर्ट ऑफ लिविंग के योग सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। कैदियों को अपने परिवार से हफ्ते में एक बार और वकील से रोजाना मुलाकात की इजाजत होगी।

क्या है पीएनबी घोटाला?

मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर पीएनबी के मुंबई ब्रांच (ब्रैडी हाउस) में कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, चोकसी की कंपनियों ने मार्च-अप्रैल 2017 में 165 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और 58 फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) बिना किसी सैंक्शन लिमिट या कैश मार्जिन के हासिल किए। इनका इस्तेमाल विदेशी बैंकों से कर्ज लेने के लिए किया गया। जब चोकसी की कंपनियां कर्ज नहीं चुका सकीं, तो पीएनबी को 6,344.97 करोड़ रुपये (लगभग 965.18 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का भुगतान करना पड़ा।

सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय संधियों का लिया सहारा

सीबीआई ने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए संयुक्त राष्ट्र की ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम (यूएनटीओसी) और भ्रष्टाचार के खिलाफ संधि (यूएनसीएसी) का हवाला दिया। इसके अलावा, मुंबई की विशेष अदालत द्वारा 2018 और 2021 में जारी दो खुले गिरफ्तारी वारंट भी बेल्जियम को सौंपे गए। चोकसी के भांजे और इस घोटाले के सह-आरोपी नीरव मोदी को 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल लंदन की जेल में है और भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। चोकसी के पास अब बेल्जियम की उच्च अदालत में अपील करने का मौका है। भारत सरकार और जांच एजेंसियां चोकसी को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं।

साभार : इंडिया टीवी  

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