इस्लामाबाद. पाकिस्तानी आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के टीआरएफ ने जैश के आतंकी और दिल्ली के आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को श्रद्धांजलि दी है. इसे प्रचार पाने के लिए एक हथकंडे के तौर पर देखा जा रहा है. टीआरएफ ने नबी की तारीफ करते हुए कहा कि हम अपने शहीदों के ऋणी हैं और उनके द्वारा बहाए गए खून की हर बूंद का बदला लेने की प्रतिज्ञा करते हैं.
टीआरएफ ने श्रद्धांजलि संदेश में लिखा, “हम डॉ. उमर को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. वे एक सम्मानित, ज़मीन से जुड़े और अच्छे दिल वाले व्यक्ति थे. वे कब्ज़ा करने वालों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध के एक मशाल वाहक के रूप में उभरे हैं. उन्हें प्रतिरोध की महानतम आत्माओं में से एक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा. हम उनके ऋणी हैं. कब्ज़ा करने वाली भारतीय सरकार और वैश्विक संस्थाओं को इस बात पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि संघ के भारतीय दावों के बावजूद कि सब कुछ (तथाकथित) सामान्य हो गया है, ऐसे उच्च बुद्धिजीवी व्यक्ति भारतीय शासन के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का विकल्प क्यों चुन रहे हैं? हम अपने शहीदों के ऋणी हैं और उनके द्वारा बहाए गए खून की हर बूंद का बदला लेने की प्रतिज्ञा करते हैं.” 10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे.
दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था. यह पहली बार है जब जांच एजेंसी ने डॉ. उमर उन नबी को ‘आत्मघाती हमलावर’ बताया है. लाल किले के पास जिस कार में धमाका हुआ था नबी उसे चला रहा था. एनआईए ने फोरेंसिक जांच से ‘वाहन-जनित आईईडी’ में मारे गए चालक की पहचान उमर उन नबी के रूप में की थी, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का निवासी था और फरीदाबाद में स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय के सामान्य चिकित्सा विभाग में बतौर सहायक प्रोफेसर कार्य करता था. आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने उमर का एक और वाहन भी जब्त किया है. इस मामले में सबूतों के लिए इस वाहन की जांच की जा रही है. एनआईए अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें विस्फोट में घायल हुए लोग भी शामिल हैं. ‘‘बम विस्फोट” के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने और मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए विभिन्न सुरागों पर काम चल रहा है.
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