शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 10:50:14 AM
Breaking News
Home / राज्य / बिहार / तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए अपनी बहन रोहिणी आचार्य को बताया जिम्मेदार

तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए अपनी बहन रोहिणी आचार्य को बताया जिम्मेदार

Follow us on:

पटना. बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद से राजद पार्टी में आपसी फुट देखने को मिल रहा है। तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव में मिली हार का जिम्मेदार अपनी बहन रोहिणी आचार्य को ठहराया। हार के बाद तेजस्वी यादव की अपनी बहन के साथ तीखी बहस हुई।

दरअसल, शनिवार दोपहर बहस के दौरान तेजस्व यादव ने हार के लिए आचार्य को जिम्मेदार ठहराया। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि तेजस्वी यादव ने अपनी बड़ी बहन से कहा, “तुम्हारे कारण हम चुनाव हार गए। तुम्हारी वजह से हम शापित हैं।” इस दौरान उसने गुस्से में उस पर चप्पल फेंकी और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

‘हार की सारी जिम्मेदारी ले रही हूं..’

बता दें कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की नौ संतानों में से एक रोहिणी आचार्य ने शनिवार दोपहर कहा कि वह अपने परिवार से नाता तोड़ रही हैं और राजनीति छोड़ रही हैं। रोहिणी आचार्य ने यह भी कहा कि बिहार चुनाव में हार की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रही हूं।

मेरा अब कोई परिवार नहीं

रोहिणी आचार्य ने कहा कि जो लोग तेजस्वी के सहयोगियों पर सवाल उठाते हैं, उन्हें घर से बाहर निकाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरा अब कोई परिवार नहीं है। संजय, रमीज और तेजस्वी यादव से पूछिए। उन्होंने मुझे परिवार से निकाल दिया है क्योंकि वे जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। जो लोग चाणक्य बनना चाहते हैं, उनसे ही सवाल पूछे जाएंगे। जब एक पार्टी कार्यकर्ता चाणक्य से सवाल पूछ रहा है… तो दुनिया पूछ रही है कि पार्टी ऐसी स्थिति (बिहार चुनाव में) में कैसे पहुंच गई?

रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि जब आप संजय और रमीज का नाम लेते हैं तो आपको घर से बाहर निकाल दिया जाता है, आपकी बदनामी की जाती है और आप पर चप्पलों से हमला किया जाता है।

आज सुबह एक नई पोस्ट में उन्होंने कहा कि कल उन्हें “अपमानित” किया गया। उन्होंने हिंदी में लिखा, “कल एक बेटी, एक बहन, एक विवाहित महिला और एक मां को अपमानित किया गया; उसे गंदी गालियां दी गईं, चप्पल उठाई गई। मैंने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं किया, मैंने सत्य का त्याग नहीं किया और केवल इसी कारण मुझे यह अपमान सहना पड़ा।”

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि कल उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और कहा गया कि वह बुरी हैं और उनकी किडनी, जो उन्होंने 2022 में लालू यादव को दान की थी , खराब है।

‘कल मुझे गालियां दी गईं’

रोहिणी आचार्य ने एक दूसरे पोस्ट में लिखा “कल मुझे गालियां दी गईं और कहा गया कि मैं बुरी हूं और मैंने करोड़ों रुपये लेकर, टिकट खरीदकर अपने पिता से अपनी खराब किडनी ट्रांसप्लांट करवाई है… सभी बेटियों और बहनों से, जिनकी शादी हो चुकी है, मैं यही कहूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा या भाई हो, तो अपने भगवान जैसे पिता को कभी मत बचाना; बल्कि अपने भाई, उस घर के बेटे से कहना कि वह अपनी या अपने किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी ट्रांसप्लांट करवा ले।”

‘किसी भी परिवार में रोहिणी जैसी बेटी न हो’

उन्होंने कहा, “सभी बहनों और बेटियों को अपने घर और परिवार की देखभाल करनी चाहिए, अपने माता-पिता की परवाह किए बिना अपने बच्चों और ससुराल वालों की देखभाल करनी चाहिए, केवल अपने बारे में सोचना चाहिए… मेरे लिए यह बहुत बड़ा पाप बन गया कि मैंने अपने परिवार, अपने तीन बच्चों की देखभाल नहीं की और किडनी दान करते समय अपने पति या अपने ससुराल वालों से अनुमति नहीं ली।” उसने कहा कि उसने “मेरे भगवान, मेरे पिता” को बचाने के लिए किडनी दान की थी। उन्होंने कहा, “आपमें से कोई भी मेरी तरह गलती न करे; किसी भी परिवार में रोहिणी जैसी बेटी न हो।”

लालू परिवार में अब तक क्या क्या हुआ?

राजद पार्टी के मुखिया यादव का परिवार बिखरता जा रहा है। पहले तेज प्रताप यादव और अब रोहिणी आचार्य ने अपने मां-बाप और भाई तेजस्वी यादव को छोड़ दिया है। बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद से चल रही पारिवारिक कलह के कारण राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर बुरा असर पड़ रहा है।

लालू प्रसाद यादव के परिवार में सियासत के उत्तराधिकार का सवाल हमेशा से चर्चा में रहा है। साल 2017 में जब लालू यादव जेल गए तो उन्होंने पार्टी की कमान छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दी। जो बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को नागवार गुजरा। इसी वक्त से तेज प्रताप और तेजस्वी यादव में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई। वहीं, 2025 विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से विवाद और खुलकर सामने आ रहा है।

साभार : दैनिक जागरण

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:

https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6

यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जगह उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मिला गृह विभाग

पटना. बिहार में नीतीश कुमार सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है. विभागों …