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पाकिस्तान में बलूच लड़ाकों पर बैठक में नहीं पहुंचे विपक्षी दलों के नेता

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इस्लामाबाद. पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवाह में लगातार हिंसा के बाद सरकार ने मंगलवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ सेना के प्रमुख को भी आना था, लेकिन बैठक शुरू होते ही बवाल मच गया. सैन्य सुरक्षा को लेकर बुलाई गई इस बैठक में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और बीएनपी के नेता नहीं पहुंचे. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख का कहना है कि जब तक इमरान खान को जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, तब तक हम किसी भी बैठक में नहीं पहुंचेंगे. इधर, बीएनपी ने भी बैठक का बहिष्कार किया है.

बैठक में भाग लेने पहुंचे ये जिम्मेदार

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ-साथ रक्षा और गृह मंत्री भी बैठक में शामिल होने पहुंचे. इसके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस बैठक में बुलाया गया है. गवर्नर के साथ-साथ सेना और पुलिस के आला अधिकारी भी बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं. इंटेलिजेंस के अधिकारी भी इस बैठक के लिए इस्लामाबाद पहुंचे हैं. बैठक के लिए सभी पार्टियों के प्रमुखों को भी बुलाया गया था, लेकिन सत्ताधारी पार्टियों को छोड़कर अधिकांश नेता बैठक से गायब रहे. इन नेताओं का कहना था कि सेना को लेकर हम गंभीर हैं, लेकिन जिस तरीके का माहौल पाकिस्तान में बनाया गया है, उसमें इस तरह की बैठक से कुछ नहीं होने वाला है.

हाईलेवल मीटिंग का मुद्दा क्या है?

पाकिस्तान सरकार के मुताबिक इस बैठक में सैन्य सुरक्षा और लगातार हो रहे हमले को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. पाकिस्तान की सरकार खैबर पख्तूनवाह, बलूचिस्तान और सिंध के इलाके में आतंकी हमले से परेशान है. आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान पूरी दुनिया में नंबर-2 पर है. पाकिस्तान में आतंकी हमले की वजह से इस साल करीब 1000 लोग मारे गए हैं. पाकिस्तान का कहना है कि काबुल के इशारे पर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवाह में आतंकी हमले हो रहे हैं.

बलूचिस्तान की सरकार से नाराजगी

पाकिस्तान की अधिकांश विपक्षी पार्टियां पूरे मामले के लिए बलूचिस्तान की स्थानीय सरकार को जिम्मेदार मान रही है. पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री फजलुर रहमान ने तो सीधे-सीधे मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहरा दिया था. रहमान का कहना था कि लोगों को भरोसे में नही लिया जा रहा है. रहमान ने बलूचिस्तान में भ्रष्टाचार को भी आतंकी हमले के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना था. संसद में पीटीआई के नेता ने भी बलूचिस्तान में हमले के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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