काबुल. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में छिड़े संघर्ष के बीच दोनों देशों के नेता शांति वार्ता के लिए शनिवार को दोहा पहुंच चुके हैं। अब उनके बीच शांति को लेकर वार्ता होनी है। इसमें शामिल होने के लिए प्लेन से अफगान और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल शांति वार्ता के लिए कतर की राजधानी दोहा पहुंच गए। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करना और विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान में चल रही है झड़प
हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं, जिनमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दोनों देश वार्ता की पहल कर रहे हैं। ताकि सीमा पर स्थिति को सामान्य किया जा सके। तालिबान सरकार ने शनिवार को बताया कि अफगान प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख शामिल हैं, जो वार्ता की गंभीरता को दर्शाता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान के सरकारी प्रसारक ‘पीटीवी’ ने भी पुष्टि की कि उनका प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दोहा के लिए रवाना होगा, हालांकि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी।
पाक और अफगानिस्तान एक दूसरे पर कर रहे जवाबी हमले
दोनों देशों ने अपनी-अपनी ओर से यह आरोप लगाया है कि वे सिर्फ एक-दूसरे की आक्रामकता का जवाब दे रहे हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर सीमा के निकट आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जिनके हमलों से सीमा सुरक्षा प्रभावित हो रही है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी समूह उनके लिए खतरा बने हुए हैं और वे इन्हें रोकने की मांग कर रहे हैं। इसके विपरीत, तालिबान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि वे अपने क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान में क्या है झगड़ा
दोनों देशों के बीच इस तनाव की जड़ें लंबे समय से चली आ रही हैं, जिनमें सीमा विवाद, आतंकवाद के मामलों और राजनीतिक अस्थिरता शामिल हैं। इस बार की वार्ता को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल की लड़ाइयों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बिगाड़ दिया है। दोहा में होने वाली यह बैठक शांति स्थापना और सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रयास है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस वार्ता के जरिए दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को समझने और स्थायी समाधान खोजने का प्रयास करेंगे। यदि वार्ता सफल होती है, तो यह न सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए शांति और स्थिरता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। फिलहाल, दुनिया इस वार्ता की निगाहें लगाए हुए है ताकि इस विवाद को बातचीत के जरिए समाप्त किया जा सके।
साभार : इंडिया टीवी
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