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यूक्रेन फ्रांस के साथ खरीदेगा 100 राफेल लड़ाकू विमान

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कीव. यूरोप में सोमवार को एक ऐसा धमाका हुआ जिसने भू-राजनीति की दिशा ही बदल दी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस के रणनीतिक एयरबेस पर ऐसा करार साइन कर दिया जिसने मॉस्को में सायरन बजा दिए. फ्रांस ने आधिकारिक तौर पर यूक्रेन को 100 राफेल लड़ाकू विमानों और आधुनिक एयर-डिफेंस सिस्टम्स देने की मंशा पर मुहर लगा दी. यानी अब यूक्रेन की वायुसेना यूरोप में एक नई जानलेवा ताकत बनकर उभरने जा रही है. भारत को फ्रांस से मिला ये वही फाइटर जेट है, जिसके जरिए नई दिल्ली अपने दुश्मनों पर काल बनकर टूट पड़ता है.
फ्रांस24 की रिपोर्ट के अनुसार, यह कोई सामान्य डील नहीं, यह एक दीर्घकालिक वॉर-ड्राइव को ईंधन देने वाला करार है. राफेल, जिसे फ्रांस का ‘तूफानी शस्त्र’ और ‘आसमान का जल्लाद’ भी कहा जाता है, अब यूक्रेन की वायु-प्रतिरोध क्षमता को सीधे रूस के सिर पर खड़ा करने वाला हथियार बन जाएगा. ज़ेलेंस्की और मैक्रों ने एयरबेस पर खड़े होकर यह संदेश बिल्कुल साफ कर दिया कि “यूक्रेन अब किसी के रहमो-करम पर नहीं, राफेल की मारक क्षमता पर खड़ा युद्ध लड़ेगा.”
रूस के खिलाफ यूरोप ने फूंका बिगुल
यह डील सिर्फ हथियारों की खरीद नहीं, बल्कि रूस की सैन्य बढ़त को उधेड़ने का यूरोपीय ऐलान है. मैक्रों ने यह करार करके एक बार फिर साबित कर दिया कि फ्रांस यूक्रेन को सिर्फ कूटनीतिक नहीं बल्कि ‘आक्रामक सैन्य समर्थन’ देने के लिए तैयार है. यूक्रेन अब न सिर्फ आसमान में मजबूत होगा, बल्कि राफेल की तैनाती रूस की रणनीतिक गहराई तक खतरे की घंटियां बजाएगी.
यूक्रेनी सेना के लिए राफेल जरूरी
इस समझौते ने कीव के लिए अंडर डेवलपमेंट न्यू जेनरेशन के SAMP-T एयर डिफेंस सिस्टम, रडार सिस्टम्स और ड्रोन हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है. ज़ेलेंस्की ने फ्रांस के विलाकोबले सैन्य हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “यह दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु रक्षा प्रणालियों में से एक होगी.” मैक्रों ने कहा, “हम राफेल की योजना बना रहे हैं, 100 राफेल – यह बहुत बड़ी संख्या है. रूस के साथ जंग में यूक्रेनी सेना के लिए यही आवश्यक है.”
राफेल से रूस के हमलों के खिलाफ यूक्रेन को मिलेगी मजबूती
उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता “रूस के अस्वीकार्य हमलों” के सामने यूक्रेन की सुरक्षा को मज़बूत करेगा. फ्रांस 24 ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के हवाले से कहा, “इस समझौते का उद्देश्य” फ्रांस की औद्योगिक और तकनीकी उत्कृष्टता को यूक्रेन और इसलिए यूरोप की सेवा में लगाना है.” ज़ेलेंस्की ने आगे कहा कि यूक्रेन भविष्य में राफेल युद्धक विमानों के सह-उत्पादन पर विचार कर सकता है.
फ्रांस का राफेल (Rafale) आज दुनिया के सबसे खतरनाक और भरोसेमंद 4.5 जनरेशन मल्टी-रोल फाइटर जेट में गिना जाता है. इसकी ताकत सिर्फ स्पीड या हथियारों में नहीं, बल्कि एक साथ कई युद्ध-भूमिकाएं निभाने की क्षमता में है.
राफेल की घातक ताकतें:
1. मल्टी-रोल कातिल: राफेल एक ही उड़ान में एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, रीकॉन, न्यूक्लियर स्ट्राइक… सब कर सकता है. इसे ‘ओम्नी-रोल फाइटर’ इसलिए कहा जाता है.
2. सुपरसोनिक स्पीड और अत्यधिक फुर्ती: इसकी टॉप स्पीड: 1.8 मैक (≈ 1,912 km/h) है. राफेल की फुर्ती भी जबरदस्त है. यह दुश्मनों को चकमा देने में माहिर है. डॉगफाइट में किसी भी आधुनिक फाइटर जेट पर राफेल भारी पड़ता है.
3. दुनिया की सबसे एडवांस्ड रडार तकनीक: राफेल AESA रडार (RBE2) से लैस है, जिसकी वजह से इसमें स्टेल्थ टारगेट को भी दूर से भांपने की क्षमता है. इसके अलावा राफेल में मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग और खराब मौसम में भी 100% ऑपरेशन करने की ताकत है.
4. स्कैल्प और हैमर जैसे सर्जिकल स्ट्राइक हथियार: राफेल फाइटर जेट 600 किमी की रेंज वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल, हैमर बम, मीका और मेटेओर मिसाइलों से लैस होता है. मेटेओर दुनिया की सबसे घातक एयर-टू-एयर मिसाइल मानी जाती है, जिसकी नो-एस्केप ज़ोन दुनिया में सबसे ज्यादा है.
5. SPECTRA – राफेल का अदृश्य ढाल: SPECTRA इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम राफेल को लगभग मिसाइल लॉक से बचाता है. रडार से लगभग ‘अदृश्य’ करता है. इसके अलावा यह जैमिंग + डिकॉय + ऑटो इवेज़न से भी लैस है. इसी सिस्टम की वजह से राफेल “हाई-स्टेक्स मिशन का चैंपियन” कहलाता है.
6. न्यूक्लियर स्ट्राइक कैपेबिलिटी: फ्रांस अपने राफेल को ऐटमी हथियार (ASMP-A) के साथ तैनात करता है. इसे स्ट्रैटेजिक डिटरेंस फोर्स का मुख्य आधार माना जाता है.
7. कैरियर + लैंड दोनों के लिए तैयार: राफेल का Naval Version (Rafale M) इसे एक अनोखा advantage देता है. जहां दूसरे फाइटर अलग-अलग होते हैं, राफेल दोनों मोर्चों पर घातक है.
8. राफेल ने अपनी ताकत को कई ऑपरेशनों में साबित किया है: अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया, सीरिया, इराक और साहेल क्षेत्र. जहां कहीं भी राफेल गया, वहां अपने दहशत भरा निशान छोड़ाकर आया.
नतीजा: राफेल क्यों इतना खतरनाक है?
क्योंकि यह सिर्फ फाइटर जेट नहीं, बल्कि एक उड़ता हुआ युद्ध-तंत्र है.
इसकी असली ताकत: एक साथ कई भूमिकाएं निभाने की क्षमता, अदृश्य रहकर मार करने की क्षमता, METEOR जैसी मिसाइलों का गुस्सा, SPECTRA जैसी सुरक्षा की ढाल.
साभार : न्यूज18

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