यरुशलम. गाज़ा पट्टी में शनिवार रात और रविवार को हुए इज़रायली हवाई हमलों में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है। इनमें अकेले रविवार को कम से कम 103 लोगों की जान चली गई, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह जानकारी स्थानीय अस्पतालों और चिकित्सकीय सूत्रों ने दी है। दक्षिणी शहर खान यूनिस और उसके आसपास हुए हमलों में 48 से अधिक लोगों की मौत हुई है। नासिर अस्पताल के अनुसार, कई हवाई हमले विस्थापित फलस्तीनी नागरिकों के घरों और तंबुओं पर किए गए। मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे, जिससे हमले की मानवीय कीमत और अधिक गंभीर मानी जा रही है।
जबालिया में एक ही परिवार के नौ लोग मारे गए
उत्तरी गाज़ा के जबालिया शरणार्थी शिविर में एक मकान पर हुए हमले में एक ही परिवार के नौ सदस्य मारे गए, यह जानकारी गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय की आपात सेवाओं ने दी। नागरिक सुरक्षा सेवा के अनुसार, जबालिया में ही एक अन्य हमले में सात बच्चों और एक महिला समेत 10 लोगों की मौत हो गई।
इज़रायली सेना की प्रतिक्रिया नहीं
इन हवाई हमलों के संबंध में इज़रायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। हमले ऐसे समय में हुए हैं जब इज़रायल ने गाज़ा में सैन्य अभियान तेज कर दिया है और उसने स्पष्ट किया है कि वह क्षेत्र पर अधिक नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। दक्षिण गाज़ा में लाखों फिलस्तीनियों को विस्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है और मानवीय सहायता के वितरण पर नियंत्रण बढ़ाना चाहता है।
इंडोनेशियन अस्पताल बंद
इस हमले के बाद उत्तरी गाज़ा युद्ध क्षेत्र में स्थित आखिरी कार्यरत सरकारी इंडोनेशियन अस्पताल अब बंद हो गया है। अस्पताल के चारों ओर भारी घेराबंदी और लगातार हमलों के चलते इसे सेवाएं रोकनी पड़ीं। इससे पहले भी कमाल अदवान अस्पताल को और बेत हनून अस्पताल को सेवाएं बंद करनी पड़ी थीं, जिससे उत्तरी गाज़ा के नागरिक बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं से वंचित हो गए हैं।
मानवीय संकट गहराया
गाज़ा में लगातार हो रहे इज़रायली हमलों से मानवीय संकट भयावह रूप लेता जा रहा है। अस्पतालों का बंद होना, विस्थापित नागरिकों पर हमले और बच्चों-महिलाओं की मौत से यह स्पष्ट है कि युद्ध ने आम नागरिकों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है।
साभार : इंडिया टीवी
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