जम्मू. जम्मू-कश्मीर में पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है. रामबन जिले में रविवार सुबह बारिश के बाद बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई. लगातार हो रही मूसालाधार बारिश ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. जिले के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के साथ हो रहे भूस्खलन ने हालात और भी बदतर कर दिए हैं. खराब मौसम और भारी बारिश के कारण बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए रामबन प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने रामबन के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षा संस्थान 21.04.2025 को बंद रखने का आदेश जारी किया है.
वहीं जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहे सुनील कुमार और उनके 15 साथियों ने उस भयानक मंजर को अपनी आंखों से देखा. जिसे उन्होंने कैमरे के सामने रोते हुए बयां किया. रात के अंधेरे में जिस होटल में उन्होंने शरण ली थी, वह त्रासदी की भयावहता का गवाह बना. कैमरे ने उस खौफनाक दृश्य को कैद किया, जहां सड़क से लगभग 25 फुट ऊपर की ज़मीन मलबे के विशाल ढेर में तब्दील हो चुकी थी. इस मलबे की चपेट में कई घर, दुकानें और होटल समा गए. जिस स्थान पर खड़े होकर यह मंजर दिखाया गया, उस ज़मीन के नीचे अनुमानतः 15 से ज़्यादा गाड़ियां दबी हुई थीं.
रामबन के पास NH-44 पर फंसे लोगों को भारतीय सेना ने मानवीय सहायता पहुंचाई है. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यानी NH-44 पर रामबन के पास सैकड़ों लोग फंस गए हैं. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. जो भोजन, पानी और चिकित्सीय सुविधा के अभाव में परेशान थे. ऐसे संकट की घड़ी में भारतीय सेना ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है. जैसे ही सेना को फंसे हुए यात्रियों की जानकारी मिली, इलाके में तैनात सैन्य टुकड़ियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया. सेना ने जरूरतमंदों को खाने के पैकेट, पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई. सेना के जवानों ने न सिर्फ राहत सामग्री बांटी, बल्कि सड़क से छोटे-मोटे अवरोध हटाने में भी मदद की और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यातायात बहाली के प्रयासों में सहयोग किया.
साभार : न्यूज18
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