तेल अवीव. इजरायल पर गुरुवार को ईरान की मिसाइलों की बरसात ने ना सिर्फ सैन्य ठिकानों को, बल्कि एक अस्पताल को भी निशाना बना डाला. देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित सोरोका अस्पताल पर हुए हमले ने जहां कई लोगों को जख्मी कर दिया, वहीं इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. घायल हुए 47 लोगों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस हमले के बाद ऐसे वीडियो आ रहे हैं, जो अस्पताल में तबाही की कहानी कहते हैं. लेकिन ईरान अब अस्पताल पर हमले से इनकार कर रहा है. अस्पताल पर हमला एक बेहद अमानवीय और गंभीर मुद्दा माना जाता है. शायद यही कारण है कि ईरान इससे इनकार कर रहा है.
ईरान ने इस हमले में अस्पताल को निशाना बनाने की बात से इनकार किया है. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, ‘हमारा मुख्य लक्ष्य इज़रायली सेना का कमांड और इंटेलिजेंस बेस था, जो गव-याम टेक्नोलॉजी पार्क में स्थित है. यह वही इलाका है जहां सोरोका अस्पताल भी मौजूद है.’ लेकिन इजरायल इस बात से संतुष्ट नहीं है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे आतंकवादी हमला करार देते हुए ईरान को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘तेहरान के तानाशाहों ने आज सुबह बीयरशेवा के अस्पताल और नागरिक इलाकों पर मिसाइलें दागीं. हम इसका पूरा हिसाब लेंगे.’
खामेनेई को जिम्मेदार बता रहा इजरायल
इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने इसे युद्ध अपराध की संज्ञा दी और कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री और वे खुद, ईरान के रणनीतिक ठिकानों और ऊर्जा संरचना पर इजरायली हमलों को तेज करने का आदेश दे चुके हैं. इस पूरे घटनाक्रम में इजरायल की आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा ने राहत की बात भी कही. उसने बताया कि जिस अस्पताल पर हमला हुआ उसके फ्लोर को एक दिन पहले ही खाली करा लिया गया था, जिससे बड़ी जनहानि टल गई.
गुरुवार को ईरान की ओर से कुल 20 से अधिक मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कई इजरायली शहरों जैसे तेल अवीव, रामत गण, होलोन और बीयरशेवा तक पहुंचे. हमलों के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपील की कि आम नागरिक फिलहाल अस्पताल ना आएं.
साभार : न्यूज18
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