बुधवार, दिसंबर 24 2025 | 01:37:31 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / फुकुशिमा आपदा के 15 साल बाद जापान ने शुरू किए 33 में से 14 परमाणु पावर प्लांट

फुकुशिमा आपदा के 15 साल बाद जापान ने शुरू किए 33 में से 14 परमाणु पावर प्लांट

Follow us on:

टोक्यो. जापान एक बड़ा कदम उठाने वाला है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जापानी क्षेत्र निगाटा में आज यानी सोमवार, 22 दिसंबर को दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र (न्यूक्लियर पावर प्लांट) को फिर से शुरू करने के फैसला लिया जाएगा. यह एक बड़ा कदम है क्योंकि आज से लगभग 15 साल पहले, 2011 में जापान को फुकुशिमा आपदा झेलना पड़ा था. लेकिन अब जापान वापस परमाणु ऊर्जा की ओर लौट रहा है. काशीवाजाकी-कारीवा दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है और इसे फिर से शुरू करना एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है.

काशीवाजाकी-कारीवा पावर प्लांट जापान की राजधानी टोक्यो से उत्तर-पश्चिम में लगभग 220 किमी की दूरी पर स्थित है. साल 2011 में भूकंप और सुनामी के कारण जापान का फुकुशिमा दाइची संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया था और यह चेरनोबिल के बाद दुनिया का सबसे खराब परमाणु आपदा था. फुकुशिमा हादसे के बाद जापान में 54 रिएक्टरों को बंद कर दिया गया था और काशीवाजाकी-कारीवा पावर प्लांट उनमें से एक था.

न्यूक्लियर पावर प्लांटों को फिर से शुरू कर रहा जापान

फुकुशिमा हादसे के बाद से, जापान ने 33 पावर प्लांट में से 14 को फिर से शुरू कर दिया है जो परिचालन योग्य हैं. जापान की मजबूरी यह है कि आयातित जीवाश्म ईंधन (तेल, गैस और कोयला) से खुद को दूर करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन काशीवाजाकी-कारीवा पावर प्लांट का शुरू होना अपने आप में खास है. इसकी वजह है कि काशीवाजाकी-कारीवा पावर प्लांट को भी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (TEPCO) चलाती थी और यही कंपनी बर्बाद फुकुशिमा संयंत्र को भी चलाती थी. अब काशीवाजाकी-कारीवा प्लांट 2011 के बाद इस कंपनी द्वारा चलाया जाने वाला पहला न्यूक्लियर प्लांट बन जाएगा.

जापान के सरकारी ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि अगर मंजूरी मिल जाती है, तो TEPCO 20 जनवरी को इस प्लांट में मौजूद सात रिएक्टरों में से पहले को फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रही है. हालांकि लोगों की शंका अभी भी बनी हुई है.

अक्टूबर में प्रीफेक्चर द्वारा प्रकाशित एक सर्वे में पाया गया कि 60% निवासियों को लगता है कि प्लांट शुरू करने के लिए जो शर्ते पूरी करनी थी, वो पूरी नहीं की गई हैं. वहीं लगभग 70% लोग TEPCO द्वारा प्लांट के संचालन को लेकर चिंतित थे.

साभार : एनडीटीवी

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:

https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6

यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

चीन ने अपने 3 नए साइलो क्षेत्रों में 100 से अधिक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात कर रखी हैं : अमेरिका

वाशिंगटन. अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की एक रिपोर्ट ने चीन की तेजी से बढ़ती सैन्य …