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गोंडखैरी कोयला परियोजना: पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना किया जाएगा खनन

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नागपुर के पास स्थित गोंडखैरी अंडरग्राउंड कोल ब्लॉक का विकास इस तरह से किया जाएगा कि गाँवों और सतह पर मौजूद जंगलों को कम से कम नुकसान हो। यह कोयला खदान प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से अदाणी पॉवर लिमिटेड को आवंटित की गई है, जिसमें से भूमिगत तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सालाना 20 लाख टन कोयला निकाला जाएगा।

यह परियोजना पर्यावरण-संवेदनशील संसाधन दोहन की दिशा में एक मिसाल कायम करेगी। पारंपरिक ओपन-कास्ट माइनिंग के विपरीत, गोंडखैरी परियोजना में सतह पर कोई बड़ा खलल नहीं होगा। कुल 862 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस ब्लॉक में 87.351 हेक्टेयर राजस्व वन भूमि भी शामिल है, जिसे पूरी तरह अछूता रखा जाएगा, क्योंकि यहाँ न तो किसी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा और न ही खनन कार्य होगा। इस अंडरग्राउंड माइनिंग प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें पेड़ों की कटाई या वनों की क्षति जैसी कोई आशंका नहीं है, जो आज के समय में पर्यावरणविदों और स्थानीय समुदायों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है। कंपनी सिर्फ निजी भूमि पर ही खदान प्रवेश के द्वार और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी। इस प्रकार, वन क्षेत्रों की जैव विविधता और हरियाली पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।

यह भूमिगत पद्धति सिर्फ जैव विविधता की रक्षा ही नहीं करती है, बल्कि पारिस्थितिक संरक्षण के मूल सिद्धांतों के अनुरूप भी है। परियोजना की ओर से प्रस्तुत वन परिवर्तन प्रस्ताव इस बात को स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि गोंडखैरी कोल ब्लॉक का विकास सभी नियामक संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह पालन करते हुए किया जाएगा, विशेष रूप से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का।

पर्यावरण संरक्षण से आगे बढ़ते हुए, गोंडखैरी अंडरग्राउंड कोल माइनिंग प्रोजेक्ट क्षेत्र में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित करेगा। यह बहुप्रतीक्षित परियोजना है, क्योंकि इसमें किसी भी व्यक्ति के पुनर्वास की आवश्यकता नहीं है, और यह विदर्भ क्षेत्र में 2500 से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराएगी। अदाणी पॉवर ने स्थानीय समुदायों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और ग्रामीण बुनियादी ढाँचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल करते हुए, एक व्यापक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) योजना तैयार की है। इसके तहत युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त किया जाएगा, ताकि उनकी रोजगार क्षमता बढ़े और समावेशी विकास को बढ़ावा मिले। साथ ही, यह परियोजना रॉयल्टी, करों और शुल्क के माध्यम से राज्य सरकार की राजस्व आय को बढ़ावा देने में भी योगदान करेगी।

गोंडखैरी अंडरग्राउंड कोल माइन प्रोजेक्ट यह प्रदर्शित करता है कि आधुनिक खनन तकनीक कैसे प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर क्षेत्रीय विकास को गति दे सकती है। भूमिगत तकनीक और समुदाय की भागीदारी को प्राथमिकता देते हुए यह परियोजना जिम्मेदार खनन का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ होगा।

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