मास्को. रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक बार फिर यूरोप की एनर्जी सिक्योरिटी को हिला दिया है. यूक्रेन ने शुक्रवार को रूस की द्रुज़्बा ऑयल पाइपलाइन के एक अहम पंपिंग स्टेशन पर रॉकेट और ड्रोन अटैक किया. यही पाइपलाइन रूस से सीधे हंगरी और स्लोवाकिया को क्रूड ऑयल सप्लाई करती है. हमले के बाद सप्लाई कम से कम पांच दिनों के लिए रुकने की आशंका जताई गई है.
यूक्रेन का दावा: मॉस्को की वॉर मशीन पर वार
यूक्रेन की अनमैन्ड सिस्टम्स फोर्सेस के कमांडर रॉबर्ट ब्रॉवडी ने अटैक की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि ब्रियांस्क (Bryansk) रीजन के Unecha पंपिंग स्टेशन को HIMARS रॉकेट और ड्रोन से टारगेट किया गया. यूक्रेन का कहना है कि रूस की मिलिट्री और वॉर इकोनॉमी को फंड करने वाले एनर्जी स्ट्रक्चर्स पर अटैक करना उसकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है. रूस लगातार यूक्रेन की गैस और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बमबारी करता रहा है, जिससे सर्दियों में हीटिंग और इंडस्ट्रियल फ्यूल सिस्टम ठप हो चुका है.
हंगरी और स्लोवाकिया की चिंता
हंगरी और स्लोवाकिया, दोनों देश अभी भी रूसी तेल पर डिपेंड हैं. बाकी 25 EU देशों ने फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद ही रूसी ऑयल खरीदना बंद कर दिया था. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों पीटर सिजियार्तो (हंगरी) और जुराज ब्लानार (स्लोवाकिया) ने EU कमीशन को लेटर लिखकर कहा, ‘बिना इस पाइपलाइन के हमारी एनर्जी सप्लाई सुरक्षित नहीं रह सकती.’ हंगरी के लिए यह अटैक और भी गंभीर है क्योंकि उसकी आधे से ज्यादा क्रूड ऑयल सप्लाई द्रुज़्बा पाइपलाइन से आती है.
हंगरी का गुस्सा, ऑर्बान की नाराजगी
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बान और उनकी पार्टी फिदेज़ (Fidesz) ने अटैक की कड़ी आलोचना की. सिजियार्तो ने लिखा, यह तीसरी बार है जब हमारी पाइपलाइन पर अटैक हुआ. यह हमारी एनर्जी सिक्योरिटी पर सीधा हमला है और हमें जबरन जंग में घसीटने की कोशिश है.’ ऑर्बान, जो हाल ही में मॉस्को जाकर व्लादिमीर पुतिन से मिले थे, पहले से ही EU की रूस-विरोधी पॉलिसी से अलग रुख रखते हैं. उन्होंने लिखा, ‘हमने यूक्रेन को बिजली और पेट्रोल सपोर्ट दिया, और वे हमारी पाइपलाइन पर बम बरसा रहे हैं. यह बहुत अनफ्रेंडली मूव है.’
ट्रंप भी आए चर्चा में
दिलचस्प बात यह रही कि हंगरी की पार्टी फिदेज़ ने अपने पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक हैंडरिटन मैसेज भी शेयर किया, जिसमें लिखा था, ‘विक्टर, मुझे यह सुनकर बहुत गुस्सा आया. यह मुझे पसंद नहीं है. स्लोवाकिया को भी बताओ. तुम मेरे ग्रेट फ्रेंड हो – डोनाल्ड.’ यह मैसेज उस वक्त सामने आया जब ट्रंप अलास्का में पुतिन से मिलने वाले थे.
EU में गहराती दरार
EU का लक्ष्य है कि 2027 तक पूरी तरह रूसी ऑयल और गैस से छुटकारा पा लिया जाए. लेकिन हंगरी और स्लोवाकिया इस प्लान का विरोध कर रहे हैं. दोनों देश कह चुके हैं कि उनकी नेशनल इकोनॉमी रूसी सप्लाई के बिना टिक नहीं सकती. स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पहले ही खुलकर प्रो-रशियन लाइन ले चुके हैं. मई में वे पुतिन से मिले और रूस के 9 मई मिलिट्री परेड में शामिल होने वाले इकलौते EU लीडर बने.
साभार : न्यूज18
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