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डोनाल्ड ट्रंप के नेता अलेक्जेंडर डंकन ने हनुमान जी को बताया झूठा हिन्दू भगवान

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वाशिंगटन. अमेरिका के टेक्सास राज्य में रिपब्लिकन नेता अलेक्जेंडर डंकन ने टेक्सास में भगवान हनुमान की 90 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा को लेकर ऐसा बयान दे दिया कि उस पर अमेरिका से लेकर भारत तक हंगामा मच गया। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर प्रतिमा का वीडियो साझा करते हुए एक पोस्ट में लिखा कि हम टेक्सास में एक झूठे हिंदू भगवान की मूर्ति लगाने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं! अलेक्जेंडर डंकन रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं और डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक हैं। वो अमेरिका को ईसाई बहुल देश के तौर पर ही देखना चाहते हैं।

2024 में प्रतिमा का हुआ था अनावरण

बता दें कि टेक्सास के शुगर लैंड में 2024 में हनुमान जी की 90 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इसे ‘स्टैच्यू आफ यूनियन’ नाम दिया गया है। इस कांस्य प्रतिमा को श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया है। इसे अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा माना जाता है। इस प्रतिमा की परिकल्पना प्रमुख आध्यात्मिक नेता श्री चिन्ना जीयर स्वामीजी ने की थी। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने डंकन की टिप्पणी की निंदा करते हुए उन्हें हिंदू-विरोधी और बयान को भड़काऊ बताया है। एचएएफ ने डंकन की टिप्पणियों की रिपोर्ट रिपब्लिकन पार्टी को भेजी है और घटना की आंतरिक समीक्षा की मांग की है।

नहीं दी गई प्रतिक्रिया

एचएएफ ने एक्स पर लिखा कि ”नमस्ते, टेक्सास जीओपी, क्या आप अपनी पार्टी के उस सीनेट प्रतिभागी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे, जो भेदभाव के खिलाफ आपकी गाइडलाइंस का खुलेआम उल्लंघन करता है, और बेहद घिनौनी हिंदू-विरोधी नफरत प्रदर्शित करता है। उनके बयान अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करते हैं।” हालांकि, टेक्सास जीओपी की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। डंकन के इस बयान की इंटरनेट मीडिया पर काफी आलोचना की जा रही है। एक यूजर ने जवाब में लिखा है कि ”आप जो चाहें मानने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन किसी और की मान्यताओं को ‘झूठा’ कहना आजादी नहीं है।”

कई अमेरिकियों ने बयान की निंदा की

कई अमेरिकियों ने भी डंकन के बयान की निंदा की है। डॉक्टर ट्रेसी नाम की यूजर ने लिखा है कि ”हिंदू जिहाद को बढ़ावा नहीं देते हैं। हमारे साथ दु‌र्व्यवहार करने वाले हिंसक विदेशी नागरिकों की वास्तविक समस्या पर ध्यान दें। हिंदू देवता परम ईश्वरीय चेतना के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। वे सभी आपस में जुड़े हुए हैं और सद्गुणों के विकास को बढ़ावा देते हैं। थोड़ा पढि़ए। समस्या यह नहीं है।” वहीं, जार्डन क्राउडर ने लिखा कि ”सिर्फ इसलिए कि आप हिंदू नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं कि यह झूठ है। वेद, ईसा मसीह के धरती पर आने से लगभग 2000 साल पहले लिखे गए थे और ये असाधारण ग्रंथ हैं। और ईसाई धर्म पर इनका स्पष्ट प्रभाव है। इसलिए उस ‘धर्म’ का सम्मान करना और उस पर शोध करना बुद्धिमानी होगी, जो आपके धर्म से पहले का है और जिसका आपके धर्म पर आपका प्रभाव है।”

साभार : दैनिक जागरण

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