लेह. शहर सहित लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा में सरकार को बड़ी जानकारी मिली है. लेह और आस-पास के इलाकों में उपद्रव और आगजनी की घटनाओं को लेकर गृहमंत्रालय ने बकायदा स्टेटमेंट जारी किया है. सरकार का कहना है कि यह सब स्थानीय एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के उकसावे का नतीजा है. वांगचुक ने अरब स्प्रिंग और नेपाल के जेन-जेड आंदोलन की तर्ज पर माहौल बनाने की कोशिश की, जिससे हालात बिगड़े. प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ सरकारी दफ्तर को निशाना बनाया बल्कि एक राजनीतिक दल के कार्यालय में आगजनी भी की. पुलिस की कार्रवाई के दौरान फायरिंग में कुछ लोगों के मारे जाने की भी खबर है. 30 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक सुरक्षाबलों को चोट आई है. संविधान के दायरे में रहते हुए कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी है.
गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए प्रमाणपत्र रद्द किया
गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सोनम वांगचुक ने वर्ष 2021-22 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम का उल्लंघन करते हुए संस्था के एफसीआरए खाते में साढे तीन लाख रुपये जमा किए थे। एनजीओ को प्रवासन, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता जैसे मुद्दों पर शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए स्वीडन के एक दानकर्ता से चार लाख 93 हजार 205 रुपये भी मिले थे। गृह मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्र की संप्रभुता पर अध्ययन के लिए विदेशी अंशदान स्वीकार नहीं किया जा सकता और यह कृत्य देश के राष्ट्रीय हित के विरुद्ध है। एफसीआरए की विभिन्न धाराओ के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एनजीओ के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र को तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है।
युवाओं के हक में कई फैसले
संवाद की कोशिशें और राजनीति
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने लद्दाख में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की
लेह में कल हुई हिंसक घटनाओं और विरोध प्रदर्शनों के बाद, आज स्थिति सामान्य और नियंत्रण में रही। सुरक्षा कारणों से लेह में व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। करगिल ज़िले में भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए। दुकानें, बाज़ार, परिवहन और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने लद्दाख में स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। बैठक में केंद्र शासित प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी सतर्कता, निर्बाध अंतर-एजेंसी समन्वय और सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर बल दिया गया।
साभार : न्यूज18, SHABD
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