नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि वह बैंकों में नकदी बढ़ाने के लिए दो लाख करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा. साथ ही 10 अरब डॉलर (करीब 90 हजार करोड़ रुपये) की डॉलर-रुपया अदला-बदली नीलामी आयोजित करेगा. ओएमओ (खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री) के तहत ये खरीद और अदला-बदली नीलामी 29 दिसंबर, 2025 से 22 जनवरी, 2026 के बीच आयोजित की जाएगी.
केंद्रीय बैंक ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि वह नकदी और बाजार की बदलती परिस्थितियों पर लगातार नजर रखेगा और सुचारू तरलता सुनिश्चित करने के लिए जरूरत के मुताबिक कदम उठाएगा. यह घोषणा रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की प्रतिभूतियों की एक लाख करोड़ रुपये की ओएमओ खरीद नीलामी और तीन साल की अवधि के लिए पांच अरब डॉलर के डॉलर/रुपया खरीद/बिक्री अदला-बदली नीलामी आयोजित करने के कुछ दिनों बाद आई है.
4 किस्तों में होगी नीलामी
मौजूदा तरलता और वित्तीय स्थितियों की समीक्षा के बाद, केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसने बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए ओएमओ और स्वैप संचालन आयोजित करने का निर्णय लिया है. भारत सरकार की प्रतिभूतियों की कुल 2,00,000 करोड़ रुपये की ओएमओ के जरिये खरीद नीलामी 50,000 करोड़ रुपये की चार किस्तों में 29 दिसंबर, 2025, 5 जनवरी, 12 जनवरी और 22 जनवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी.
मौजूदा तरलता और वित्तीय स्थितियों की समीक्षा के बाद, केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसने बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए ओएमओ और स्वैप संचालन आयोजित करने का निर्णय लिया है. भारत सरकार की प्रतिभूतियों की कुल 2,00,000 करोड़ रुपये की ओएमओ के जरिये खरीद नीलामी 50,000 करोड़ रुपये की चार किस्तों में 29 दिसंबर, 2025, 5 जनवरी, 12 जनवरी और 22 जनवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी.
डॉलर-रुपये की अदला-बदली तीन साल के लिए
आरबीआई ने कहा कि तीन साल की अवधि के लिए 10 अरब डॉलर की डॉलर/रुपया खरीद/बिक्री अदला-बदली नीलामी 13 जनवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी. यह अदला-बदली रिजर्व बैंक की ओर से एक साधारण खरीद/बिक्री विदेशी मुद्रा अदला-बदली है. एक बैंक रिजर्व बैंक को अमेरिकी डॉलर बेचेगा और साथ ही अदला-बदली अवधि के अंत में उतनी ही मात्रा में अमेरिकी डॉलर खरीदने के लिए सहमत होगा.
आरबीआई ने कहा कि तीन साल की अवधि के लिए 10 अरब डॉलर की डॉलर/रुपया खरीद/बिक्री अदला-बदली नीलामी 13 जनवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी. यह अदला-बदली रिजर्व बैंक की ओर से एक साधारण खरीद/बिक्री विदेशी मुद्रा अदला-बदली है. एक बैंक रिजर्व बैंक को अमेरिकी डॉलर बेचेगा और साथ ही अदला-बदली अवधि के अंत में उतनी ही मात्रा में अमेरिकी डॉलर खरीदने के लिए सहमत होगा.
आम आदमी को कैसे होगा फायदा
रिजर्व बैंक की ओर से सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद करने से आम आदमी को भी फायदा होगा. आप सोच रहे होंगे, इससे हमें क्या फायदा, चलिये समझते हैं. सिक्योरिटीज खरीदकर आरबीआई बैंकों में 2 लाख करोड़ रुपये डालेगा. अब जबकि बैंकों के पास सरप्लस नकदी होगी तो वे आसानी से लोन बांटेंगे और आपके लोन अप्लाई करने पर जल्दी अप्रूवल भी मिल जाएगा. इससे कर्ज का प्रवाह बढ़ेगा और इकनॉमी को भी तेज रफ्तार मिलेगी. जाहिर है कि इससे आम आदमी को आसानी से लोन मिल जाएगा और इकनॉमी में खपत बढ़ेगी.
रिजर्व बैंक की ओर से सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद करने से आम आदमी को भी फायदा होगा. आप सोच रहे होंगे, इससे हमें क्या फायदा, चलिये समझते हैं. सिक्योरिटीज खरीदकर आरबीआई बैंकों में 2 लाख करोड़ रुपये डालेगा. अब जबकि बैंकों के पास सरप्लस नकदी होगी तो वे आसानी से लोन बांटेंगे और आपके लोन अप्लाई करने पर जल्दी अप्रूवल भी मिल जाएगा. इससे कर्ज का प्रवाह बढ़ेगा और इकनॉमी को भी तेज रफ्तार मिलेगी. जाहिर है कि इससे आम आदमी को आसानी से लोन मिल जाएगा और इकनॉमी में खपत बढ़ेगी.
साभार : न्यूज18
‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/
आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं:
https://www.amazon.in/dp/B0FTMKHGV6
यह भी पढ़ें : 1857 का स्वातंत्र्य समर : कारण से परिणाम तक
Matribhumisamachar


