वाशिंगटन. भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) इतिहास रच रहे हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के लिए Axiom-4 स्पेस मिशन का सफतापूर्वक लॉन्च हो गया है. शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य यात्री ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर दी है. 25 जून को दोपहर के 12.01 बजे नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के क्रू ड्रैगन C213 यान के जरिए मिशन का सफल लॉन्च हुआ है. शुभांशु की यह यात्रा भारत के खुद के दम पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन के लिए बहुत अहम साबित होने जा रही है. चलिए समझते हैं क्यों.
मिशन में दिख रही भविष्य की राह
शुभांशु शुक्ला इस मिशन पर भारत और खुद के लिए दो रिकॉर्ड बनाएंगे. पहला कि वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नागरिक बनेंगे. दूसरा कि वो राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले केवल दूसरे भारतीय नागरिक होंगे. 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाना वाला है. यह एक ऐसी उपलब्धि होगी जिसके बारे में भारत को उम्मीद है कि यह इंसानों को अपने दम पर अंतरिक्ष में भेजने के उसके भविष्य के प्लान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन को लेकर पहले ही कहा है, “मुझे सच में विश्वास है कि भले ही, एक व्यक्ति के रूप में, मैं अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा हूं, लेकिन यह 1.4 अरब लोगों की यात्रा है.” उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि “मेरे देश में एक पूरी पीढ़ी की जिज्ञासा जागृत होगी”, और “इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा जो भविष्य में हमारे लिए ऐसे कई प्रोजेक्ट को संभव बनाएगा”. भारत की स्पेस एजेंसी शुभांशु के स्पेस मिशन को अपनी महत्वाकांक्षाओं में एक “डिफायनिंग चैप्टर” (बहुत अहम मोड़) कहती है. ISRO के अनुसार शुभांशु शुक्ला ही भारत के अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान के लिए “शीर्ष दावेदारों में” से हैं. इस मिशन को 2027 में लॉन्च करने की तैयारी है. भारत के अंतरिक्ष विभाग के अनुसार शुभांशु की यात्रा सिर्फ एक उड़ान से कहीं अधिक है. यह एक संकेत है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन) के एक नए युग में साहसपूर्वक कदम रख रहा है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नई दिल्ली ने मिशन के लिए $60 मिलियन से अधिक का भुगतान किया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर भारत द्वारा इंसानों को भेजने की योजना की घोषणा की है. ISRO ने मई में कहा था कि उसने 2027 की शुरुआत में अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान से पहले, इस साल के अंत में बिना मानव के एक कक्षीय मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है. भारत के अंतरिक्ष विभाग ने कहा है कि, “शुभांशु शुक्ला के मिशन को जो बात अलग बनाती है, वह इसका रणनीतिक महत्व है.” बेंगलुरु में ISRO के केंद्र में आगे की ट्रेनिंग से पहले, शुक्ला ने 2020 में तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवारों के साथ रूस में यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में भी ट्रेनिंग ली थी. उन्होंने कहा है कि Axiom मिशन 4 की यात्रा और फिर ISS पर अपेक्षित 14 दिन गुजारने से बेशकीमती सीख मिलेगी जिसका भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन में बहुत सहायता मिलेगी.
साभार : एनडीटीवी
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