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बचाव संबंधी स्वास्थ्य सेवा और रोगी कल्याण पर ऊर्जा केंद्रित करें: पीयूष गोयल

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज 17वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, जहां उन्होंने उद्योग जगत से विकास के लिए साहसिक लक्ष्य निर्धारित करने और एक जीवंत भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार की अनुसंधान, विकास एवं नवोन्मेषण योजना का उपयोग करने का आग्रह किया। श्री गोयल ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय मेडटेक उद्योग की उल्लेखनीय वृद्धि और लचीलेपन के लिए सराहना की। उन्होंने भारत को स्वास्थ्य सेवा में आत्मनिर्भर बनाने में इस क्षेत्र के योगदान की प्रशंसा की और इसे किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने में वैश्विक रूप से अग्रणी देश बनाने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने मेडटेक उद्योग से आयातित वस्तुओं के बाज़ार से हटकर वैश्विक विनिर्माण और नवोन्मेषण हब बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और निर्यात बाज़ारों के लिए निर्माण करने की आवश्यकता है। उन्होंने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाज़ारों के लिए किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाले चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन हेतु अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर ज़ोर देने की आवश्यकता पर बल दिया।

श्री गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि यूरोपीय संघ, मॉरीशस, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, पेरू और चिली के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत अग्रिम चरणों में है। हम अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार संधि के लिए भी बातचीत कर रहे हैं। श्री गोयल ने ज़ोर देकर कहा कि ये सभी समझौते, नए अवसरों, नए बाज़ारों, नए समझौतों, नए निवेश के द्वार खोलेंगे और परिमाण, गुणवत्ता और नवोन्मेषण को बढ़ावा देंगे।

श्री गोयल ने उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से इस विजन को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का विस्तृत विवरण दिया। श्री गोयल ने कहा कि पीएलआई योजना उच्च-मूल्य वाले चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। श्री गोयल ने कहा कि सरकार मेडटेक कंपनियों के लिए अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने हेतु विनियामक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, ताकि सुरक्षा और गुणवत्ता से समझौता किए बिना त्वरित गति से अनुमोदन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने उद्योग, शिक्षा जगत और अनुसंधान संस्थानों के बीच अधिक सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए अधिक सरकारी वित्त पोषण और सहायता की ओर इंगित किया।

श्री गोयल ने उद्योग जगत से भारत में अगली पीढ़ी के चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए घरेलू विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास में भारी निवेश करने का आग्रह करते हुए, सीधी कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने इस क्षेत्र की महत्वाकांक्षी विकास योजनाओं में सहयोग देने वाले प्रतिभाशाली कार्यबल के निर्माण के लिए कौशल विकास के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने इस सेक्‍टर से बचाव संबंधी निवारक स्वास्थ्य सेवा और रोगी कल्याण पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करने का आह्वान किया।

श्री गोयल ने कम कीमत और गुणवत्ता के मूल संदेश को दोहराया और इस बात पर बल दिया कि चिकित्सा प्रौद्योगिकी नवोन्मेषण की पहुंच आबादी के सभी वर्गों तक होनी चाहिए। उन्होंने भारत और विश्व के लिए उच्च-गुणवत्तापूर्ण, किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधान प्रदान करने हेतु मेडटेक सेक्‍टर की यात्रा में सहायता करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

17वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन में नीति निर्माताओं, नवप्रवर्तकों, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने “स्वस्थ भविष्य के लिए नवोन्मेषण- वैश्विक प्रभाव के लिए मेडटेक को आगे बढ़ाना” विषय पर चर्चा की। इस आयोजन ने मेडटेक सेक्टर से भारत की आकांक्षाओं और विश्व की अपेक्षाओं पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। यह विशेष पूर्ण सत्र “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” विषय पर केंद्रित था, जिसमें भारतीय मेडटेक को विश्वास, नवोन्मेषण और वैश्विक उत्कृष्टता का पर्याय बनाने के साझा मिशन को रेखांकित किया गया।

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