नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई टल गई है। कोर्ट का फैसला अब 16 दिसंबर को आएगा। पहले यह फैसला आज सुनाया जाना था, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है।
क्या है नेशनल हेराल्ड से जुड़ा मामला?
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब एजेएल के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।
भले ही एजेएल के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक एजेएल पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब एजेएल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद एजेएल प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।
साभार : अमर उजाला
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