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मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली

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ब्रसेल्स. बेल्जियम की अपील अदालत से मेहुल चोकसी बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उसकी ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। इस याचिका में भारत की उसके प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद उसकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। चोकसी की ओर से नए पैंतरे के तहत दाखिल याचिका बेल्जियम में उसकी कानूनी टीम ने प्रस्तुत किया। इसे अधिवक्ता विजय अग्रवाल की ओर से तैयार किया गया है। याचिका में चोकसी ने दावा किया है कि बेल्जियम के अधिकारियों ने उसकी गिरफ्तारी के दौरान निर्धारित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।

याचिका में कहा गया है अधिकारियों ने न केवल उचित प्रक्रिया की अवहेलना की, बल्कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया। याचिका के अनुसार अधिकारियों ने चोकसी के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन किया। भगोड़े हीरा व्यापारी ने प्रक्रियागत अनियमितताओं का हवाला देते हुए अपनी तत्काल रिहाई की मांग की है। यह घटनाक्रम बेल्जियम की अपील अदालत की ओर से उसी मामले में चोकसी की जमानत याचिका खारिज किए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है।

मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की अदालत के समक्ष अपनी दूसरी याचिका में दावा किया है कि उसकी गिरफ्तारी के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया मनमानी और गैरकानूनी है। पिछले सप्ताह अदालत की ओर से रिहाई (जमानत) की मांग वाली उसकी पिछली याचिका खारिज कर दी गई थी। उसके बाद मेहुल चोकसी की ओर से अदालत के समक्ष दायर यह दूसरी याचिका है। सुनवाई की अगली तारीख अभी अधिसूचित नहीं की गई है।

बीते हफ्ते बेल्जियम की एक अदालत ने 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। जमानत देने के खिलाफ़ फैसला सुनाने से पहले तीन जजों की बेंच ने डच भाषा में दलीलें सुनीं। भारतीय अधिकारियों के आधिकारिक अनुरोध के बाद इस महीने की शुरुआत में चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था।

उनके वकील विजय अग्रवाल को जमानत की सुनवाई से पहले एंटवर्प में देखा गया और बाद में उन्होंने जेल में चोकसी से मुलाक़ात की। एएनआई से बात करते हुए, विजय अग्रवाल ने अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त की, लेकिन कहा कि बेल्जियम का कानून कई जमानत आवेदनों की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, मेरे मुवक्किल को आज जमानत देने से मना कर दिया गया। हालांकि, बेल्जियम में, हम जितनी बार जरूरत हो उतनी बार जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम अदालत की टिप्पणियों पर ध्यान से विचार करेंगे और जल्द ही नए आधारों पर एक नई जमानत याचिका पेश करेंगे।”

साभार : अमर उजाला

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