शिलांग. मेघालय में 4000 टन गायब हुआ कोयला चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद मेघालय के मंत्री ने कोयला खोने के पीछे की वजह तेज बरसात को बताया है। उनका कहना है कि कोयला शायद तेज बारिश में बह गया होगा। मेघालय हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कोयला गायब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था। मेघालय सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री किरमेन शायला ने अब इसपर चौंकाने वाला जवाब दिया है।
मंत्री ने क्या कहा?
मीडिया से बातचीत के दौरान मेघालय के उत्पाद शुल्क मंत्री किरमेन शायला ने कहा, “मेघालय में मूसलाधार बारिश हुई। किसे पता, शायद तेज बरसात में सारा कोयला बह गया हो? इसके आसार काफी अधिक हैं।”
किरमेन शायला के अनुसार
मैं सिर्फ बारिश को दोष नहीं दे रहा हूं। यह हो भी सकता है और नहीं भी। कोई नहीं जानता की असली कारण क्या है?
लोग राज्य को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे
किरमेन शायला ने आगे कहा, “हो सकता है किसी ने रोजी-रोटी के लिए कोयला लिया हो। क्योंकि कोई भी अपने राज्य को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं करेगा। जब सरकार ने साइंटिफिक माइनिंग की बात कही थी सभी बहुत खुश थे। मुझे लगता है हमारे लोग ऐसा नहीं करेंगे।”
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि मेघालय के राजाजू और डिएंगन गांव से लगभग 4000 टन कोयला गायब हो गया है। हाई कोर्ट 25 जुलाई को मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जांच के आदेश दिए थे। कोयले को अवैध तरीके से हटाने वालों के खिलाफ हाई कोर्ट ने सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
साभार : दैनिक जागरण
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