क्वेटा. पाकिस्तान के बलूचिस्तान की स्थितियां सामान्य होने का नाम ही नहीं ले रही है. लगातार यहां के बिगड़ते हालात शहबाज शरीफ के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. इसी बीच पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की सरकार ने क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था के मद्देनजर कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर रात के समय यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बलूचिस्तान प्रांत में हाल के सप्ताह में वाहनों पर कई आतंकवादी हमले हुए हैं.
बनाया जा रहा है निशाना
इन हमलों में आतंकवादियों ने वाहनों को रोककर यात्रियों की पहचान की और फिर उन्हें मार डाला गया था. इन हमलों में मुख्य रूप से पंजाबियों को निशाना बनाया गया है. कच्छी, झोब, ग्वादर, नुश्की और मुसाखेल जिलों के जिला आयुक्तों ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी करके प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया. यह प्रतिबंध कई राजमार्गों पर लागू है, जिनमें क्वेटा-ताफ्तान रोड, लोरलाई-डेरा गाजी खान रोड, सिबी रोड, कोस्टल हाईवे और झोब-डेरा इस्माइल खान रोड शामिल हैं.
उतारा था मौत के घाट
बीते दिन बलूचिस्तान में मजदूरों की पहचान की जांच करने के बाद उन्हें बस से उतार दिया गया फिर आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की कि पांच पीड़ित पंजाब के सादिकाबाद शहर के थे, जबकि एक मुल्तान का था. मामले को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “पांच पीड़ितों की तत्काल मौत हो गई, जबकि एक ने बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसे लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हफीज बलूच ने बताया कि ग्वादर बंदरगाह से यूरिया लेकर आ रहे तीन ट्रकों को भी तजाबन इलाके में आग लगा दी गई थी.
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि बलूचिस्तान के अन्य क्षेत्रों में भी रोड ब्लॉक पाए गए हैं, जो अधिक हमलों की योजना जैसा प्रतीत होता है. बलूच ने कहा, “तुर्बत, पंजगुर और पसनी में सड़कें ब्लॉक कर दी गईं. बोलन, कोलपुर और मस्तुंग इलाकों में भी सड़कें अवरुद्ध की गईं. मस्तुंग इलाके में एक वाहन को आग लगा दी गई थी. यह पंजाब प्रांत के रहने वाले और बलूचिस्तान में काम करने वाले नागरिकों, श्रमिकों और मजदूरों पर किया गया नया हमला था. यह घटना ऐसे समय में हुई जब इस महीने की शुरूआत में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया था. इस घटना में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 26 बंधकों की मौत हो गई थी, जबकि ट्रेन को खाली कराने के अभियान के दौरान पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए थे.
साभार : जी न्यूज
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