चंडीगढ़ (मा.स.स.). पंजाब में पराली जलाने की गतिविधियों को नियंत्रित करने के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन की स्थिति पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक बैठक बुलाई थी। बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव और 22 जिलों के उपायुक्तों ने हिस्सा लिया। बैठक में पठानकोट से किसी ने हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि वहां पराली जलाने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है। समीक्षा बैठक का प्रमुख विषय खेतों में पराली जलाने की घटनाओं की यकायक तेजी को रोकने के लिये तुरंत कार्रवाई करने पर विचार करना था।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में पिछले कुछ दिनों से पराली जलाने की घटनाओं में तेजी देखी गई है। पंजाब के मुख्य सचिव और 22 जिलों के उपायुक्तों को याद दिलाया गया कि उन्होंने पहले यह संकल्प किया था कि पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में पराली जलाने की घटनाओं में जबरदस्त कमी लाई जायेगी। अमृतसर, बरनाला, भटिंडा, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, संगरूर, तरन-तारन और पटियाला जैसे 10 जिलों के उपायुक्तों को विशेष हिदायत दी गई कि वे कार्य-योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें तथा घटनाओं को रोकने पर ध्यान केंद्रित करें। इन 10 जिलों में पराली जलाने की एक हजार से अधिक घटनाएं सामने आई हैं।
समीक्षा बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव और 22 जिलों के उपायुक्तों ने आश्वासन दिया कि वे पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को कम करने के लिए तुरंत कदम उठायेंगे। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाओं के कम होने की आशा है।