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सीएएफ में प्रवासी पक्षियों के संरक्षण प्रयासों को मजबूती देने के लिए भ्रमण क्षेत्र देशों की बैठक

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नई दिल्ली (मा.स.स.). पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र के प्रवासी प्रजातियों पर पर्यावरण कार्यक्रम/सम्मेलन (यूएनईपी/सीएमएस) के सहयोग से मध्य एशियाई उड़ानमार्ग (सीएएफ) क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों और उनके ठौर-ठिकानों के संरक्षण प्रयासों को मजबूती देने के लिए भ्रमण क्षेत्र वाले देशों की नयी दिल्ली में 02 से 04 मई 2023 के दौरान बैठक आयोजित की।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, भारत सरकार, अश्विनी कुमार चैबे ने इस बैठक का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्‍होंने ग्लासगोव में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सम्मेलन सीओपी-26 में प्रधानमंत्री के अभियान (पर्यावरण सुरक्षा के लिये पर्यावरण अनुरूप जीवनशैली) ’लाइफ’ को अपनाने के आह्वान का जिक्र करते हुए कहाः

”…. यह देखकर अपार संतुष्टि है कि हमने मध्य एशियाई उड़ानमार्ग श्रृंखला वाले देशों की बैठक का आयोजन कर उनके विजन को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इसके साथ ही आने वाले वर्षों में प्रवासी पक्षियों सहित सभी तरह के जीवों का अस्तित्व बनाये रखने वाली सतत् जीवन शैली को अपनाना काफी महत्वपूर्ण होगा। यह, प्रधानमंत्री के लाइफ अभियान के साथ सीधा जुड़ता है जो कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण अनुरूप जीवनशैली अपनाने का आह्वान करता है और इस ग्रह के प्रति हमारी जवाबदेही की याद दिलाता है। इस बैठक के जरिये मध्य एशियाई उड़ानमार्ग क्षेत्र …….. में संरक्षण और सतत् विकास के साझे लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में हमने एक उल्लेखनीय कदम उठाया है।’’

मध्य एशिया उड़ानमार्ग क्षेत्र के अर्मेनिया, बांग्लादेश, कज़ाखस्तान, क्रिग़िस्तान, कुवैत, मंगोलिया, ओमान, सउदी अरब, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित 11 देशों ने इस बैठक में भाग लिया। इनके अलावा सीएमएस, एईडब्ल्यूए और शिकारी पक्षी (रैप्टर) एमओयू के सचिव तथा राज्यों के मुख्य वन्यजीव वार्डन्स, भारत स्थित वैज्ञानिक संस्थान, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि तथा विषय से जुड़े विशेषज्ञों ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक में प्रतिनिधियों ने प्रवासी पक्षियों के मध्य एशियाई उड़ानमार्ग के वास्ते एक संस्थागत ढांचा बनाये जाने पर सहमति जताई, इसमें क्रियान्वयन के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा की और सीएमएस सीएएफ कार्य योजना को अद्यतन बनाने के मसौदे को लेकर सहमति जताई। प्रवासी पक्षियों और उनके ठिकानों के बेहतर संरक्षण को लेकर आपसी सहयोग, व्यवहारों तथा विचारों के आदान-प्रदान के मामले में यह बैठक मध्य एशियाई उड़ानमार्ग श्रृंखला देशों के लिये महत्वपूर्ण अवसर साबित हुई।

संस्थागत ढांचा प्रणाली के तौर-तरीकों को लेकर भी चर्चा हुई। इसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों और उनके ठिकानों के बेहतर संरक्षण के लिए एक समन्वित पहल विकसित करना है। इन प्रयासों को और मजबूत करने तथा औपचारिक रूप देने पर भी आम सहमति बनी। मध्य एशियाई उड़ानमार्ग क्षेत्र पहल की औपचारिकता को प्रवासी पक्षियों और उनके प्रवास स्थल के बेहतर संरक्षण की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है। भारत में पक्षी विहार स्थलों के प्रबंधन और उनमें अपनाये जाने वाले व्यवहारों को देखने समझने के लिए प्रतिनिधियों ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित सुल्तानपुर नेशनल पार्क का भी दौरा किया।

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