भोपाल. इंदौर में एक 23 वर्षीय युवक को अपनी प्रेमिका के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि लड़कीने ‘द केरला स्टोरी’ देखने के बाद शख्स के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. पुलिस के मुताबिक, ‘शादी का झांसा देकर प्यार के जाल में फंसने के बाद’ लड़कीने शिकायत दर्ज कराई. पीड़िता, उच्च शिक्षा प्राप्त की है और एक निजी कंपनी में जॉब करती है. चार साल पहले एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के दौरान उसकी आरोपी से दोस्ती हुई जो कि धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. बाद में लड़की युवक के साथ ही रहने लगी.
आरोपी, सिर्फ 12 वीं कक्षा तक पढ़ा है और बेरोजगार है. वह अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहता था और उसे बार-बार धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था. जब लड़कीने इनकार कर दिया तो उसने कथित तौर पर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और उसकी पिटाई की. एक दिन लड़कीने अपने प्रेमी से पूछा कि क्या वह ‘द केरला स्टोरी’ देखना चाहता है. बहुत समझाने के बाद, आरोपी अनिच्छा से उसके साथ फिल्म देखने के लिए तैयार हो गया. दोनों ने फिल्म तब देखी और जब लड़कीअपनी आवाज उठाने का फैसला कर चुकी थी. फिल्म देखने के बाद उसने हिम्मत जुटाई. उसकी अपने प्रेमी के साथ काफी बहस हुई जिसके बाद लड़कीने शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खजराना पुलिस थाना प्रभारी दिनेश वर्मा ने बताया कि आरोपी को मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया, जो बल या धोखाधड़ी से धर्मांतरण पर रोक लगाता है और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘लड़कीने कहा कि वह और वह पुरुष हाल ही में ‘द केरला स्टोरी’ देखने गए थे. फिल्म देखने के बाद, दोनों में बहस हुई और पुरुष ने उसके साथ मारपीट करने के बाद उसे छोड़ दिया. लड़कीने 19 मई को पुलिस से संपर्क किया और FIR दर्ज की कराई.’ उन्होंने कहा कि सभी आरोपों की गहन जांच कराई जा रही है.
गौरतलब है कि 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया है कि केरल की महिलाओं को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा भर्ती किया गया. यह फिल्म अपनी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई थी. समुदायों के बीच तनाव के डर से 8 मई को पश्चिम बंगाल में फिल्म को बैन कर दिया गया. तमिलनाडु के सिनेमाघरों ने दर्शकों की कम उपस्थिति और कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण 7 मई से फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करने का फैसला फैसला किया गया.
18 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर रोक लगा दी और तमिलनाडु को फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा. फिल्म को बीजेपी शासित राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में कर मुक्त घोषित किया गया है.
साभार : जी न्यूज़
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