चंडीगढ़. पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन की अटकलों पर विराम लग गया है। भाजपा पंजाब के प्रदेश प्रभारी विजय रूपाणी ने साफ किया कि पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। वहीं चंडीगढ़ में जिला प्रधानों की बैठक के बाद अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि हमारा गठबंधन बसपा के साथ है। भाजपा के साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता।
जाखड़ के प्रधान बनने के बाद शुरू हुई थीं चर्चाएं
सुनील जाखड़ के पंजाब भाजपा का प्रधान नियुक्त होने से बाद अकाली दल और भाजपा के दोबारा साथ आने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। अकाली दल की तरफ से चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में सभी जिलों के प्रधानों, हलका इंचार्जों और सीनियर नेताओं की मीटिंग बुलाने के बाद से अनुमान लगने लगे थे कि दोनों दलों में दोबारा गठबंधन हो जाएगा। लेकिन दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस संभावना को नकार दिया है।
कृषि कानूनों के मुद्दे पर टूटा था गठबंधन
कृषि कानूनों के विरोध में शिअद ने सितंबर 2020 में भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद से ही बीजेपी-अकाली गठबंधन की जमीन तैयार होने लगी थी। जालंधर उपचुनाव के नतीजों से और ज्यादा साफ हो गया कि दोनों दलों का एक दूसरे के बिना गुजारा नहीं हो सकता।
अकाली दल से हरसिमरत और उनके पति सुखबीर बादल ही लोकसभा सदस्य हैं। राज्यसभा में लंबे अरसे बाद अकाली दल का कोई सांसद नहीं है। हरसिमरत 2014 से मोदी सरकार में फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का जिम्मा संभाल रही थीं, तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की मोदी सरकार के प्रति नाराजगी देखकर उन्होंने 2020 में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इस इस्तीफे का कोई राजनीतिक फायदा उठाने में अकाली दल नाकाम रहा। 2022 के विधानसभा चुनाव में उसका अब तक का सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा, जब उसके मात्र तीन विधायक ही जीतकर 117 सदस्यीय विधानसभा का हिस्सा बने। इसके बाद हुए दो लोकसभा उपचुनाव में भी अकाली दल को शिकस्त ही मिली।
साभार : अमर उजाला
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