शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 11:03:24 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण कल तक के लिए स्थगित

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण कल तक के लिए स्थगित

Follow us on:

नई दिल्ली. संसद के दोनों सदनों में सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सदन में मणिपुर हिंसा और मणिपुर की दो महिलाओं के वीडियो को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. मानसून सत्र के पहले दिन हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. लोकसभा और राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.इससे पहले भी दोनों सदनों की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था. सदन शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने सभी सांसदों से जनहित में सदन में कार्यवाही चलाने की बात कही थी.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज विपक्ष का रवैया देखकर लगता है वह सदन को चलने नहीं दे रहे हैं. जब सरकार ने बता दिया है कि हम मणिपुर की घटना को लेकर चर्चा करने को तैयार है फिर क्यों डिस्टर्ब कर रहे हैं. यह दिखाता है विपक्ष सदन की कार्यवाही को रोकना चाहता है.  सरकार चर्चा के लिये तैयार है, लेकिन विपक्ष भाग रहा है. अड़चन पैदा कर रहा है. बंगाल की हिंसा पर बात ना हो ..छतीसगढ़ में महिलाओं के साथ जिस तरह दुर्व्यवहार हुआ है उस पर चर्चा ना हो इसलिए भाग रहे हैं.

मणिपुर वीडियो को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है… लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया.

सरकार ने मानसून सत्र के दौरान 31 विधेयकों को पेश करने के लिए पूरा कार्यक्रम तैयार किया है. उनमें से एक विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेने के लिए है जो केंद्र को दिल्ली में तैनात नौकरशाहों को नियंत्रित करने की शक्ति देता है. दिल्ली के नौकरशाहों को लेकर आए अध्यादेश पर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर टकराव की संभावना है. सीएम केजरीवाल के अनुसार इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दल उनके साथ हैं. बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 105 सदस्य होने से मामला (बिलों को पास कराने का) सरकार के पक्ष में जा सकता है. भाजपा को पांच नामांकित और दो निर्दलीय सांसदों के समर्थन का भी भरोसा है. उसे मायावती की बहुजन समाज पार्टी, जनता दल सेक्युलर और तेलुगु देशम पार्टी से भी समर्थन की उम्मीद है, जिनके एक-एक सांसद हैं.

केंद्र सरकार को नवीन पटनायक की बीजेडी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस से मदद की ज़रूरत होगी. इन दोनों पार्टियों के नौ-नौ सदस्य हैं. हालांकि, बीजेडी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. पार्टी का कहना है कि जब विधेयक चर्चा और मतदान के लिए आएगा तब वह फैसला करेगी. जगन रेड्डी ने भी अभी तक अपना फैसला नहीं बताया है. मणिपुर में बुधवार को भी हिंसा की कुछ खबरें सामने आई हैं. लोगों का गुस्सा बुधवार को उस समय बढ़ गया जब दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो सामने आया और व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. महिलाओं के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार भी किया गया है. पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है.

मणिपुर हिंसा को लेकर टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन ने मांग की कि पीएम मोदी को इसे लेकर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मन की बात बहुत हो गई, अब मणिपुर की बात का समय आ गया है. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है, जिसमें मणिपुर में 2 महीने तक चली हिंसा भी शामिल है. इस हिंसा में अभी तक 80 से अधिक लोग मारे गए हैं. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें होंगी. सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा, लेकिन बाद में नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत में रोजगार के संदर्भ में बदलना होगा अपना नजरिया

– प्रहलाद सबनानी भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य सुश्री शमिका रवि द्वारा …