लखनऊ. यूपी ATS ने रविवार रात गाजियाबाद, मथुरा समेत 6 जिलों में छापेमारी कर अवैध रूप से रह रहे 74 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार रोहिंग्याओं में महिला और बच्चे भी शामिल हैं। ये सभी अवैध रूप से बांग्लादेश से बॉर्डर क्रॉस कर भारत आए थे और यहां पर झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे थे।
मथुरा में सबसे ज्यादा 31 रोहिंग्या पकड़े गए
मथुरा के थाना जैंत क्षेत्र के अलहपुर और कोटा गांव के बीच बड़ी संख्या में रोहिंग्या झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। ATS टीम ने मथुरा पुलिस के साथ टीम बनाई। टीम ने आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे पर अलहपुर गांव के सामने की तरफ बनी झुग्गी-झोपड़ियों में पहुंची और छानबीन शुरू की। रात करीब 2 बजे पहुंची टीम ने पहले सभी के कागज चेक किए। 8 घंटे तक चली कार्रवाई में टीम ने मौके से 29 पुरुष और 2 महिलाओं को गिरफ्तार किया। टीम सभी को बसों में लेकर चली गई। एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि 40 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि एटीएस ने 31 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
हापुड़ से 16 लोग अरेस्ट
ATS ने हापुड़ के धौलाना में छापा मारा। टीम ने गांव खिचरा के आस-पास अलग-अलग फैक्ट्री में काम करने वाले लगभग 16 रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा है। हापुड़ पुलिस ने बताया- धौलाना थाना क्षेत्र के गांव खिचरा में पकड़े गए रोहिंग्याओं से पूछताछ की जा रही है। उनके दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
जानें, किस जिले से कितने रोहिंग्या हुए गिरफ्तार
ATS के मुताबिक 74 रोहिंग्या गिरफ्तार किए हैं। सहारनपुर से दो, मेरठ से दो पुरुष, एक नाबालिग और एक महिला, हापुड़ से 12 पुरुष, एक महिला, 3 नाबालिग, गाजियाबाद से 3 पुरुष, एक महिला, अलीगढ़ से 7 पुरुष, 10 महिला, मथुरा से 29 पुरुष और दो महिला को गिरफ्तार किया गया है।
कौन हैं रोंहिग्या मुस्लिम?
रोहिंग्या एक स्टेटलेस या राज्यविहीन जातीय समूह है। ये इस्लाम को मानते हैं और म्यांमार के रखाइन प्रांत से आते हैं। 1982 में बौद्ध बहुल देश म्यांमार ने रोहिंग्या की नागरिकता छीन ली थी। इससे उन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरी समेत कई अधिकारों से अलग कर दिया गया। तब से म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा जारी है। 2017 में हुए रोहिंग्या के नरसंहार से पहले म्यांमार में उनकी आबादी करीब 14 लाख थी। 2015 के बाद से म्यांमार से 9 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश और भारत समेत आसपास के अन्य देशों में जा चुके हैं। अकेले बांग्लादेश में रोहिंग्या की संख्या 13 लाख से ज्यादा है।
साभार : दैनिक भास्कर
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