नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मंगलवार को पुराना सरकारी बंगला 12 तुगलक लेन वापस मिल गया। संसद की हाउसिंग कमेटी ने राहुल की सांसदी बहाल होने के एक दिन बाद बंगला अलॉट किया। राहुल यह बंगला लेंगे या नहीं, इस पर उन्हें 8 दिन में जवाब देना होगा।राहुल जब कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे तो उनसे बंगला वापस मिलने पर सवाल किया गया। इस पर राहुल ने कहा- मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है। 12 तुगलक लेन में राहुल गांधी 19 साल रहे। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल 2023 को उन्हें ये बंगला खाली करना पड़ा था। राहुल 12 और 13 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड भी जाएंगे। सांसदी बहाल होने के बाद यह उनका पहला वायनाड दौरा होगा।
2005 में अलॉट हुआ था 12, तुगलक लेन बंगला
राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने। तब तक वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित बंगले में रहते थे। सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट किया गया था। ये दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित टाइप-8 बंगला है, जो हाइएस्ट कैटेगरी है। इस आलीशान बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, 1 स्टडी रूम और सर्वेंट क्वार्टर हैं। राहुल गांधी इस बंगले में एक प्राइवेट गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट हुए थे। इस सेरेमनी में सोनिया, प्रियंका, रॉबर्ट समेत उनके करीबी लोग ही शामिल थे। इसकी कोई सार्वजनिक तस्वीर मौजूद नहीं है।
मां सोनिया के बंगले में शिफ्ट हो गए थे राहुल
राहुल ने इसी साल 26 फरवरी को कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में बताया था कि मेरे पास कोई घर नहीं है। राहुल 12, तुगलक लेन वाले सरकारी बंगले को खाली करने के बाद 10 जनपथ स्थित अपनी मां सोनिया गांधी के आवास में शिफ्ट हो गए थे।
इसी बंगले में डॉग से खेल रहे थे राहुल, हिमंत बिस्वा सरमा पर ध्यान नहीं दिया
12 तुगलक लेन से जुड़ा एक चर्चित किस्सा 2016 का है। उस वक्त हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस में थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो असम की समस्याएं डिस्कस करने के लिए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। राहुल उस वक्त अपने पालतू डॉग के साथ खेल रहे थे। राहुल ने हिमंत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसी से नाराज होकर हिमंत ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और BJP जॉइन कर ली।
12 और 13 अगस्त को वायनाड जाएंगे राहुल
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड का 12-13 अगस्त को दौरा करेगे। सांसदी बहाली के बाद यह उनका पहला दौरा होगा। राहुल पिछली बार 11 अप्रैल को वायनाड गए थे, जहां उन्होंने रोड शो भी किया था।
वायनाड में 4.31 लाख वोट से जीते थे, 55 हजार से अमेठी हारे थे
राहुल गांधी ने 2019 में केरल के वायनाड और यूपी की अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वायनाड में वे 4.31 लाख वोटों से जीते थे। उन्हें 7 लाख 5 हजार 34 वोट मिले थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी CPI (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) उम्मीदवार पीपी सुनीर को 2 लाख 73 हजार 971 वोट मिले थे। राहुल अपनी परंपरागत सीट अमेठी से 55 हजार 120 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। इस सीट पर भाजपा नेता स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार 514 वोट मिले थे, वहीं राहुल को 4 लाख 13 हजार 394 वोट मिले थे। अमेठी से राहुल के अलावा उनकी मां सोनिया गांधी एक बार, पिता राजीव गांधी चार बार, चाचा संजय गांधी एक बार सांसद रह चुके हैं।
राहुल गांधी ने 11 अप्रैल 2019 में बेंगलुरु के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। सेशन कोर्ट में चार साल तक केस चला और फैसला इस साल 23 मार्च को आया था। मानहानि केस में राहुल को अधिकतम दो साल की सजा मिली। जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई।
साभार : दैनिक भास्कर
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