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धर्मांतरण के आरोपी आरबी लाल की दूसरी बार जमानत याचिका हुई खारिज

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लखनऊ. प्रयागराज की सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SHUATS) के कुलपति प्रोफेसर आरबी लाल को बड़ा झटका लगा है. एडीजे कोर्ट ने गुरुवार को आरबी लाल की जमानत याचिका खारिज कर दी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक दुबे की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाया. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने आरबी लाल की जमानत याचिका का विरोध किया था. फिलहाल शुआट्स के कुलपति आरबी लाल नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. जमानत याचिका पर सुनवाई कल भी हुई थी.

शुआट्स के कुलपति आरबी लाल को झटका

अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि की दलील थी कि आरबी लाल के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इससे पहले दो जनवरी को भी जिला अदालत ने आरबी लाल को राहत देने से इंकार कर दिया था. अपराध की गंभीरता और लंबा आपराधिक इतिहास को देखते हुए अदालत ने जमानत खारिज की थी. नैनी पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में आरबी लाल 31 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार हुए  थे. कार्रवाई जानलेवा हमले के मामले में की गई थी.

एक बार फिर खारिज हुई जमानत याचिका

आरबी लाल बेगुनाही और बीमारी को आधार बनाकर अदालत पहुंचे थे. पुलिस ने आरबी लाल के खिलाफ संगीन अपराध में मकुदमा दर्ज किया है. शुआट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति पर धर्मांतरण और वित्तीय अनियमितता का आरोप है. काफी दिनों से फरार चल रहे आरबी लाल को नैनी पुलिस तलाश कर रही थी. 31 दिसंबर को दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने आरबी लाल और दो अन्य साथियों पर हत्या के प्रयास और फायरिंग का मुकदमा दर्ज कराया था. जानलेवा हमले में दिवाकर नाथ त्रिपाठी बाल बाल बच गए थे. नैनी पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज कर चंद घटों में आरबी लाल को गिरफ्तार कर लिया. आरबी लाल रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए गए. मजिस्ट्रेट ने 31 दिसंबर को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया.

साभार : एबीपी न्यूज़

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