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शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, ईडी देगी चुनौती

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नई दिल्ली. दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार (20 जून) को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। जज न्यायबिंदु की वेकेशन बेंच ने ED और केजरीवाल की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपए के बेल बॉन्ड पर जमानत दी है।

ED की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा था कि ED ने हवा में जांच नहीं की है। केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। उन्हें बेल नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील विक्रम चौधरी ने दलील दी थी कि केजरीवाल के खिलाफ पूरा केस सिर्फ कल्पना पर आधारित है।केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। 1 अप्रैल को वे तिहाड़ जेल भेजे गए। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। जमानत पर 21 दिन बाहर रहने के बाद 2 जून की शाम 5 बजे केजरीवाल ने तिहाड़ में सरेंडर किया था। बुधवार को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत खत्म हुई थी, जिसे कोर्ट ने 3 जुलाई तक बढ़ा दिया था।

ED बोली- AAP ने अपराध किया, प्रभारी को दोषी माना जाएगा

बुधवार को ED ने कहा था कि केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। ईडी ने कहा था कि मामले में बतौर आरोपी नामजद आम आदमी पार्टी (AAP) कोई अपराध करती है तो इस पार्टी के प्रभारी को दोषी माना जाएगा। केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। AAP यह नहीं कह सकती कि केजरीवाल दोषी नहीं है।

केजरीवाल की दलील- पूरा मामला सिर्फ बयानों पर आधारित है

केजरीवाल के वकील ने ईडी के आरोपों पर कहा- CM के खिलाफ पूरा मामला बयानों पर आधारित है। उन्हें हैरानी नहीं होगी यदि कुछ और बयान सामने आए। दिल्ली CM की कोई आपराधिक हिस्ट्री भी नहीं है। ये बयान उन लोगों ने के हैं, जिन्होंने खुद को दोषी माना है। वे लोग संत तो है नहीं। ऐसा लगता है कि इनमें से कुछ को गिरफ्तार किया गया और जमानत देने का वादा कर बयान दिलवाए गए।

पत्नी की मौजूदगी में मेडिकल कराने की भी मांग पर सुनवाई

केजरीवाल ने कोर्ट से मेडिकल एग्जामिनेशन के दौरान पत्नी की मौजूदगी की मांग की भी याचिका भी लगाई थी। इस पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई। चौधरी ने कहा कि इस मामले में कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए। जब भी कोई अस्पताल में भर्ती होता है तो उसकी पत्नी या उसके अटेंडेंट को भी जाने की अनुमति होती है। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि जेल अधिकारियों का मामले को लेकर क्या कहना है। केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने बताया कि जेल अधिकारी कह रहे हैं कि केजरीवाल को जेल के बाहर नहीं ले जाया जा रहा है, इसलिए पत्नी उनके साथ नहीं रह सकती, लेकिन मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर तो बाहर से आ रहे हैं।

साभार : दैनिक भास्कर

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