शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 04:16:32 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / बांग्लादेश ने भारत विरोधी आतंकवादी जशीमुद्दीन रहमानी को किया रिहा

बांग्लादेश ने भारत विरोधी आतंकवादी जशीमुद्दीन रहमानी को किया रिहा

Follow us on:

ढाका. बाग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अलकायदा से जुड़े एक आतंकवादी सरगना को जेल से रिहा कर दिया है. इस आतंकवादी का नाम जशीमुद्दीन रहमानी है और यह अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंग्ला टीम (ABT) का प्रमुख है. इस आतंकवादी की रिहाई ने भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि यह आतंकी संगठन स्लीपर सेल्स की मदद से जिहादी नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहा है.

जशीमुद्दीन रहमानी को बांग्लादेश में सोमवार को पैरोल पर रिहा कर दिया गया. यह आतंकीं ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में जेल में बंद था. जशीमुद्दीन को गाजिपुर के काशीपुर अति सुरक्षित जेल में रखा गया था. यह बांग्लादेश में आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत लगे आरोपों का भी सामना कर रहा है. इस आतंकी संगठन से जुड़े कई लोगों को भारत में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

भारत में बांग्लादेशी संगठन बैन

असम पुलिस ने इसी साल मई महीने में गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से एबीटी संगठन से जुड़े दो आतंकवादियों, बहार मिया और रेयरली मिया को गिरफ्तार किया था. एबीटी अलकायदा का एक सहयोगी संगठन है जो भारत में पूरी तरह से प्रतिबंधित है. जशीमुद्दीन रहमानी ने 15 फरवरी 2013 को राजीब हैदर की ढाका में उसके घर के सामने बेरहमी से हत्या कर दी थी, इसी मामले में इसे 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

एबीटी और लश्कर ए-तैयबा मिलकर कर रहे काम

साल 2015 में शेख हसीना की सरकार ने ABT को देश में प्रतिबंधित कर दिया था. इसके बाद जशीमुद्दीन ने अपने संगठन का नाम अंसार अल-इस्लाम रख लिया, जिसे साल 2017 में फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो एबीटी और लश्कर ए-तैयबा ने भारत के पूर्वी राज्यों में आतंकवाद फैलाने के लिए साझेदारी की थी.

भारत विरोधी तत्व जेल से हो रहे रिहा

दरअसल, शेख हसीना की सरकार में भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी. लेकिन हाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश से भागना पड़ा. जानकारों का मानना है कि एक बार फिर बांग्लादेश में अब भारत विरोधी शक्तियां केंद्र में आ सकती हैं. इस बीच ऐसे तत्वों को जेल से रिहा किया जा रहा है जो भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं. इन घटनाओं ने भारत के पूर्वी राज्यों के लिए चिंताओं को बढ़ा दिया है.

साभार : एबीपी न्यूज़

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

युद्ध के खतरे को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन में अपना दूतावास किया बंद

कीव. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने कीव स्थित अपने …