शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा. दिन-प्रतिदिन मामला ओर बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को शिमला व्यापार संगठन ने बंद का ऐलान किया है. जिसका असर आज मार्केट में देखने को मिल रहा है. दरअसल, हिंदूवादी संगठन शिमला में संजौली मस्जिद को अवैध बताते हुए उसे गिराने की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. बुधवार को इसे लेकर हजारों हिंदुओं ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया और उग्र होते हुए मस्जिद गिराने की मांग करते हुए उसकी तरफ बढ़े. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. पुलिस की कार्रवाी के खिलाफ आज शिमला व्यापार संगठन ने बंद का ऐलान कर दिया.
शिमला व्यापार संगठन ने किया बंद का ऐलान
घटना पर शिमला के एसपी ने बताया कि लोगों को शांति व्यवस्था को बनाए रखते हुए विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन भीड़ अचानक से उग्र हो गई और प्लानिंग के तहत विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी की. इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
क्या है संजौली मस्जिद विवाद मामला
दरअसल, अगस्त महीने में मल्याणा में एक दुकानदार विक्रम सिंह के साथ मुस्लिम युवकों ने मारपीट की थी. बाहर से आए प्रवासी दुकानदारों ने ना सिर्फ विक्रम सिंह के साथ मारपीट की बल्कि उस पर रॉड से भी हमला कर दिया. इस हमले में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया और उसके सिर पर करीब 14 टांके लगे. मारपीट के बाद सभी आरोपी जाकर संजौली मस्जिद में छिप गए. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन इसके बाद मामला हिंदू-मुस्लिम विवाद में बदल गया. मस्जिद के बाहर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए इसे गिराने की मांग करने लगे.
कांग्रेस-बीजेपी नेता साथ आकर कर रहे हैं मस्जिद गिराने की मांग
बीते दो सितंबर से संजौली मस्जिद के बाहर हिंदू संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे गिराने की मांग कर रहे हैं. हिंदू संगठनों की इस मांग को यहां के विधायक अनिरुद्ध सिंह का भी समर्थन मिल रहा है. मस्जिद को गिराने की मांग बीजेपी नेताओं के साथ कांग्रेस नेता भी कर रहे हैं. कांग्रेस नेता अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में भी मस्जिद के अवैध होने का मामला उठाया और कहा कि यह मस्जिद सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई है. बता दें कि संजौली मस्जिद का विवाद कोई नया नहीं है. 2010 से नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद का विवाद चल रहा है.
साभार : न्यूज़नेशन
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