सोमवार, दिसंबर 23 2024 | 04:07:00 AM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / एएसआई को सर्वे के दौरान संभल में मिली ऐतिहासिक बावड़ी

एएसआई को सर्वे के दौरान संभल में मिली ऐतिहासिक बावड़ी

Follow us on:

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के संभल में 46 सालों बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के जहां एक ओर कपाट खुले तो दूसरी ओर विभिन्न मंदिरों और कूपों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। संभल की तहसील चंदौसी इलाके में भी खंडहरनुमा बांके बिहारी मंदिर मिलने के बाद एक प्लाॅट में बावड़ी मिली है। सनातन सेवक संघ के पदाधिकारियों की मांग के पश्चात डीएम डाॅ.राजेन्द्र पैंसिया के आदेश पर एडीएम न्यायिक और तहसीलदार ने शनिवार को जेसीबी से बावड़ी की खुदाई शुरू करा दी।

इस खुदाई के दौरान बावड़ी की सुरंग में दीवारें जैसे अवशेष नजर आए हैं। जानकारी के मुताबिक संभल जिले की कोतवाली चंदौसी इलाके के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में बीते 17 दिसंबर को खंडहरनुमा प्राचीन बांके बिहारी मंदिर मिला था। सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम ने बीते शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी डाॅ. राजेन्द्र पैंसिया को एक पत्र दिया। इसके माध्यम से अवगत कराते हुए लक्ष्मणगंज में मंदिर के अतिरिक्त बावड़ी होने का दावा किया और उसके सौंदर्यीकरण की मांग की।

बावड़ी की दीवार और अवशेष दिखे

इसके बाद डीएम ने एडीएम न्यायिक सतीश कुमार कुशवाह और तहसीलदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह को खुदाई कराने का दिशा-निर्देश दिया। इसके बाद अफसरों की टीम दो जेसीबी के साथ लक्ष्मणगंज पहुंच गई और आबादी के बीच खाली पड़े प्लाॅटनुमा में बावड़ी की तलाश में खुदाई का काम शुरू किया गया। तकरीबन पौन घंटे खोदाई करने के बाद बावड़ी की दीवारें जैसी नजर और अवशेष दिखाई देने लगे। हालांकि रात हो जाने और अंधेरा होने पर खुदाई का काम रोक दिया गया। वहीं रविवार सुबह एसपी और डीएम की मौजूदगी में काम दोबारा शुरू कर दिया गया।

चार कमरे भी नजर आए

खुदाई से संबंधित मामले में तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने राजस्व लेखपाल ने बताया कि मोहल्ला लक्ष्मणगंज में एक स्थान बावड़ी के नाम से जाना जाता है। ये गाटा संख्या 253 के नाम से दर्ज है, जिसमें पुराना तालाब और कमरे बने हुए है। नगर पालिका के सहयोग से इसकी खुदाई की जा रही है। इसमें चार कमरे और अवशेष जैसे नजर आए है, खुदाई लगातार की जाएगी। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि खुदाई के दौरान नीचे गहरी-गहरी सुरंग निकली है। साथ ही प्राचीन गेट बने हुए दिखाई पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र से बाबड़ी कुएं को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

बावड़ी की संरचना के बारे में

डीएम डाॅ.राजेन्द्र पैंसिया ने कहा है कि चार सौ वर्ग मीटर का एरिया अभिलेखों में बावड़ी तालाब के रूप में दर्ज है। यहां के स्थानीय लोग बताते है कि जो बिलारी के राजा थे, उनके नाना के समय में यहां बावड़ी बनी थी। इसमें द्वितीय और तृतीय फ्लोर है, वो मार्बल से बना है। ऊपर का तल ईंट से बना हुआ है। इसमें एक कूप और चार कक्ष भी बने हुए हैं। वर्तमान में यह मिट्टी से पूरा ढका हुआ है। उन्होंने बताया कि शनिवार को जनसुनवाई और इससे पूर्व भी यह प्रकरण संज्ञान में आया था। नगर पालिका की मदद से धीरे-धीरे मिट्टी को निकाला जा रहा है, ताकि कोई अवशेष को नुकसान न हो। यहां क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। खुदाई के बाद सारी बातें सामने आ जाएंगी।

सहसपुर राजघराने से जुड़ा किस्सा

चंदौसी के रहने वाले कौशल किशोर का कहना है कि उन्होंने जिलाधिकारी संभल डाॅ.राजेन्द्र पेंसिया को पत्र दिया था। यहां लक्ष्मणगंज में राधा-कृष्ण मंदिर स्थित है, उसकी नपत जीर्णोद्धार और एक प्राचीन बावड़ी कुआं कहा जाता है। यह कुआं 1857 के गदर के वक्त का है। बुजुर्ग बताते है कि यहां सहसपुर राजघराने की रानी की छावनी गुपचुप रूप रूकती थीं। यहां कुंआ भी निकला है, वहीं सीढी भी दिखाई दे रही हैं।

साभार : नवभारत टाइम्स

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर पर बुलडोजर चला तोड़ी सीढ़ियां

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के संभल में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर शुक्रवार …