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सिर्फ केरल में ही कोरोना के सक्रिय मामले 1800 से अधिक पहुंचे

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नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के मामले में पिछले 24 घंटों पर नजर डालें, तो थोड़ा इजाफा हुआ है. शनिवार को आए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में एक्टिव मरीजों की तादाद 5755 पहुंच गई है, जबकि इस दौरान 4 लोगों की मौत हो गई. ये मौतें मध्यप्रदेश, महारष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में दर्ज की गई. इसी तरह से केरल में मरीजों की संख्या 1806, महाराष्ट्र में 577, कर्नाटक में 444 और गुजरात में 717 है. दिल्ली की बात करें, तो बीते 24 घंटे में कोरोना के 73 मामले दर्ज़ किये गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 665 हो गई है.

इस बीच, छत्तीसगढ़ में अब तक 50 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और सभी रोगियों में सामान्य लक्षण देखे गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से लोग संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश. विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है.

कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपात प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर) प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रतिनिधियों तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दो जून और तीन जून को कई तकनीकी समीक्षा बैठकें की गईं.

आधिकारिक सूत्रों ने चार जून को बताया कि आईडीएसपी के तहत राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) और गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों (एसएआरआई) की करीब से निगरानी कर रही हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था, “दिशा निर्देश के अनुसार एसएआरआई के सभी मामलों में और आईएलआई से संबंधित पांच प्रतिशत मामलों में जांच की सिफारिश की गई है और एसएआरआई की पुष्टि वाले नमूनों को आईसीएमआर वीआरडीएल नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है.”

साभार : न्यूज18

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