प्योंगयांग. उत्तर कोरिया ने एक बार दुनिया को डराने वाली हरकत की है. करीब 5 महीने तक शांत रहने के बाद उसने बुधवार को फिर बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है. चूंकि दक्षिण कोरिया में अगले हफ्ते एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC Summit 2025) शिखर सम्मेलन होने वाला है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होंगे. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा से लगभग एक सप्ताह पहले नॉर्थ कोरिया की यह कार्रवाई उकसावे वाली मानी जा रही है.
करीब 350 किमी की दूरी तय की
योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, दक्षिण कोरियाई सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि सेना ने उत्तर कोरिया के दक्षिणी उत्तरी ह्वांगहे के जुंगह्वा से सुबह लगभग 8:10 बजे उत्तर-पूर्व की ओर दागी गईं कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगाया. इन मिसाइलों ने लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय की. उन्होंने बताया कि अमेरिका के साथ मिलकर दक्षिण कोरिया इस मिसाइल की सटीक विशेषताओं का पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया है कि उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है, वह कौन सी है. अधिकारी इस संभावना पर विचार कर रहे हैं कि शायद ये वही सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें थीं, जिनका उत्तर कोरिया ने सितंबर 2024 में परीक्षण किया था. अधिकारियों का अनुमान है कि ये मिसाइलें पूर्वी सागर के बजाय अंतर्देशीय क्षेत्र में गिरी होंगी.
तीनों देशों ने बढ़ाई अलर्टनेस
बता दें, उत्तर कोरिया ने पिछली बार 8 मई और 22 मई को पूर्वी सागर की ओर छोटी दूरी की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी थीं. दक्षिण कोरिया सेना के JCS ने एक बयान में बताया, ‘हमारी सेना ने उत्तर कोरिया की ओर से इस तरह के और ट्रायल की संभावनाओं को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी है. हम अमेरिका और जापान के साथ इस बारे में प्रासंगिक जानकारी शेयर करते हुए अलर्टनेस बनाए हुए हैं.
दक्षिण कोरिया में इस साल जून में राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने पद्भार ग्रहण किया था. इसके बाद से यह उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल प्रक्षेपण है. वह इस साल अब तक का पांच बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च कर चुका है. यह लॉन्च दक्षिण कोरिया द्वारा 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक होने वाले एपेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी से पहले हुआ है. एपेक समिट में राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दक्षिण कोरिया का दौरा करने वाले हैं.
आखिर क्या चाहता है उत्तर कोरिया?
लगभग पांच महीनों में उत्तर कोरिया की ओर से पहला मिसाइल लॉन्च किया गया है. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया उकसावे की गतिविधि जारी रखेगा. दूसरी ओर, नॉर्थ कोरिया परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र के रूप में अमेरिका से मान्यता प्राप्त करने की कोशिश में लगा हुआ है.
साभार : जी न्यूज
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