कुआलालंपुर से बीजिंग जा रही एमएच370 फ्लाइट में करीब 227 यात्री और 12 मलयेशियाई क्रू सदस्य शामिल थे। यह विमान 8 मार्च 2014 को उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के बाद एयर ट्रैफिक रडार से अचानक गायब हो गया और फिर इसका कोई सिग्नल नहीं मिला। मलयेशियाई सरकार ने इस फ्लाइट की खोज शुरू की, लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं मिली। बताया जाता है कि विमान को ट्रैक करने वाला इसका ट्रांसपॉन्डर बंद हो चुका था, जिसकी वजह से एटीसी को इसकी आखिरी लोकेशन का सही अंदाजा नहीं लग पाया। मलयेशिया में इस विमान की खोज को सबसे वृहद खोज अभियानों के तौर पर जाना जाता है।
विमान में सवार लोगों के परिजन खोज बंद किए जाने के बाद से ही मलयेशियाई सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर उतर आए थे। उनकी मांग थी कि उनके करीबियों की खोज के लिए कोई कसर न छोड़ी जाए। हालांकि, सरकार को कोई बड़ी सफलता नहीं मिलती दिखी।
इस फ्लाइट की आखिरी खोज इस साल अप्रैल में ही शुरू की गई थी, हालांकि बाद में खराब मौसम के चलते इसे रोक दिया गया था। इस पूरे कार्यक्रम को ओशियन इन्फिनिटी के साथ एक समझौते के तहत चलाया गया, जिसमें अगर विमान का मलबा नहीं मिलता है तो मलयेशिया सरकार उसे कोई रकम अदा नहीं करेगी। यह कंपनी पहले 2018 में भी एमएच 370 के मलबे को ढूंढने का प्रयास कर चुकी है, हालांकि तब उसे असफलता मिली थी।
करीब 10 साल बाद 2024 में मलयेशिया सरकार ने कहा कि उसे विमान के लापता होने से जुड़े कुछ सबूत हाथ लगे हैं और वह इसकी खोज से जुड़ी जांच फिर से शुरू करने के बारे में विचार कर रही है।
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