नई दिल्ली (मा.स.स.). सुप्रीम कोर्ट के जजों ने न्यायालय में नूपुर शर्मा को देश में खराब धार्मिक माहौल के लिए जिम्मेदार बताया. जजों ने यहां तक कह दिया कि उदयपुर में आतंकवादियों के सहयोगियों द्वारा एक हिन्दू टेलर की हत्या के लिए भी नूपुर शर्मा का बयान जिम्मेदार है. ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, तो उसके लिए किसी व्यक्ति या संगठन को जिम्मेदार क्यों नहीं बताया जाता? मातृभूमि समाचार कानून को अपने हाथ में लेने के पक्ष में नहीं है. किन्तु क्या ऐसा इसलिए क्योंकि हिन्दू अपनी धार्मिक भावनाओं के आहत होने पर इसके विरोध में हिंसा नहीं करते. सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध है कि ऐसी घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेने का कष्ट करें.
कल कनाडा के आगा खान संग्रहालय में कनाडा की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए एक सप्ताह लम्बा कार्यक्रम (रिदम्स ऑफ कनाडा) आयोजित किया गया. इस संग्रहालय में लीना मणिमेकलाई के निर्देशन वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म काली के 6 मिनट के अंश को भी प्रदर्शित किया गया. इस फिल्म का पोस्टर और यह जानकारी लीना ने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी पोस्ट की. पोस्टर में माता काली की वेशभूषा वाली स्त्री धूम्रपान कर रही है. इसके अतिरिक्त उनके हाथ में एक विशेष समुदाय का झंडा भी है, जो माता के हाथ में नहीं होता है. इससे आपको अंदाजा लग जायेगा कि फिल्म में आगे क्या दिखाया जायेगा.
Super thrilled to share the launch of my recent film – today at @AgaKhanMuseum as part of its “Rhythms of Canada”
Link: https://t.co/RAQimMt7LnI made this performance doc as a cohort of https://t.co/D5ywx1Y7Wu@YorkuAMPD @TorontoMet @YorkUFGS
Feeling pumped with my CREW❤️ pic.twitter.com/L8LDDnctC9
— Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) July 2, 2022
उत्सव कनाडा की संस्कृति को दिखाने के लिए आयोजित किया गया, लेकिन निशाने पर हिन्दू संस्कृति थी. लीना की फेसबुक प्रोफाइल को देखें, तो उसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को फांसीवादी बताने वाले पोस्ट भी मिल जायेंगे. इससे समझा जा सकता है कि इनके हिंदुत्व के बारे में क्या विचार हैं? इस डाक्यूमेंट्री का पोस्टर ही हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है. इसके बाद भी अभी तक लीना की गिरफ्तारी नहीं हुई. नूपुर शर्मा के लिए फांसी मांगने वाले किसी व्यक्ति या संगठन ने लीना और उनके सहयोगियों के लिए फांसी की मांग नहीं की. न बाम्बे हाई कोर्ट और न ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर कोई सुनवाई शुरू की. लीना की इस पोस्ट को समाचार लिखे जाने तक 197 बार शेयर किया जा चुका था, 1200 लोग इस पोस्ट को पसंद कर चुके थे.
https://www.facebook.com/photo/?fbid=10159966559077645&set=a.10151177794132645
मातृभूमि समाचार ऐसा नहीं चाहता लेकिन यदि कोई आहत हिन्दू लीना या उनके किसी समर्थक का सर तन सर से जुदा कर देता है, तो क्या नूपुर शर्मा को दोषी बताने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज इस घटना के लिए लीना को जिम्मेदार बताएँगे. हमारा अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेकर एक मिसाल पेश करे.
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