नई दिल्ली (मा.स.स.). पावर फाउंडेशन ऑफ इंडिया विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग से वर्तमान में ‘लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ के तहत अग्नि तत्व पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक अभियान चला रहा है। इस अभियान में अग्नि तत्व की मूल अवधारणा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, समुदायों और प्रासंगिक संगठनों को शामिल करते हुए देश भर में सम्मेलन, सेमिनार, कार्यक्रम और प्रदर्शनियां करना शामिल हैं। अग्नि तत्व एक तत्व है जो ऊर्जा का पर्याय है और पंचमहाभूत के पांच तत्वों में से एक है।
अग्नि अभियान का पहला सम्मेलन कल लेह में ‘स्थिरता और संस्कृति’ विषय पर आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रशासन, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और स्टार्ट-अप जैसे विविध क्षेत्रों से ऊर्जा, संस्कृति और स्थिरता के क्षेत्रों में काम करने वाले प्रमुख हितधारकों की भागीदारी रही। सम्मेलन का उद्घाटन लद्दाख के उपराज्यपाल आर. के. माथुर ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लद्दाख में एक स्थायी जीवन शैली रही है, हालांकि, आधुनिकीकरण में बढ़ोतरी होने से क्षेत्र के इकोसिस्टम में असंतुलन पैदा हो रहा है, और न केवल इस क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है बल्कि यह पूरे देश के मॉनसून चक्र को भी बदल सकता है क्योंकि यह हिमालयी इकोसिस्टम से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने इस असंतुलन को दूर करने और सतत विकास की ओर बढ़ने के लिए एक स्पष्ट ‘रोडमैप’ तैयार किया है। उन्होंने कई प्रमुख क्षेत्रों पर भी जोर दिया।
लद्दाख में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं, जिसका पता लगाया जाना चाहिए। लद्दाख को दूर-दराज के इलाकों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रणाली का सृजन करने की दिशा में काम करना चाहिए। लद्दाख में विकेंद्रीकृत नवीकरणीय सौर ऊर्जा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिससे उसकी ग्रिड निर्भरता कम हो सके। यह प्रधानमंत्री के कार्बन न्यूट्रल लद्दाख के विजन के अनुरूप है। भू-तापीय ऊर्जा एक अन्य ध्यान देने वाला क्षेत्र है जिसकी लद्दाख क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विपरीत, जो प्रकृति में रुक-रुक कर होते हैं, यह पूरे दिन और वर्ष भर उपलब्ध रहती है इसलिए इसका उपयुक्त उपयोग किया जाना चाहिए। लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन एक और विकल्प है, क्योंकि इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा की प्रचुरता है। इसमें पानी भी है। इससे प्राप्त हाइड्रोजन का उपयोग पेट्रोल और डीजल के स्थान पर किया जा सकता है और ऑक्सीजन का उपयोग अस्पतालों और पर्यटकों द्वारा किया जा सकता है।
सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने एक परस्पर आश्रित दुनिया पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन विश्व को एकता के रूप में देखता है और इसमें सब कुछ एक के रूप में देखता है, लेकिन अब तक के विकास मॉडल में, एकता खो गई है। नामग्याल ने इस बात का उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तैयार किया जा रहा मॉडल एकता पर आधारित है, जैसे कि ‘वन सन’, ‘वन वर्ल्ड’, ‘वन ग्रिड’, और इसके आधार पर पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के प्रयास जारी हैं जो एकता के भारतीय दर्शन पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि लद्दाख हमेशा से प्रकृति के साथ सद्भाव में रहा है और परस्पर आश्रित और सह-अस्तित्व पर पनपा है। उन्होंने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसे बाकी देश और दुनिया भी सीख सकती है।
सम्मेलन में अन्य प्रख्यात वक्ताओं ने टिकाऊ निर्माण प्रथाओं, पर्वतीय क्षेत्रों के लिए ऊर्जा पहुंच, सामाजिक व्यवहार और बिजली की मांग पर इसके प्रभाव के बारे में प्रकाश डाला। अग्नि तत्व अभियान- एनर्जी फॉर लाइफ, सुमंगलम के छत्रक अभियान के तहत एक पहल है, जो 21 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह द्वारा शुरू की गई थी। सेमिनारों की एक श्रृंखला का इस अभियान के हिस्से के रूप में पूरे देश में आयोजित करने की योजना बनाई गई है। पावर फाउंडेशन ऑफ इंडिया भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तत्वावधान में गठित एक सोसाइटी है, और प्रमुख सीपीएसई द्वारा समर्थित है। फाउंडेशन प्रतिपालन और अनुसंधान के क्षेत्रों में शामिल है, जो विकसित ऊर्जा परिदृश्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
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